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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 : साथी खिलाड़ियों के दिल को क्यों चोट पहुंचाना चाहते हैं विराट

कोहली ने माना कप्तानी में हर समय शांत रहना आसान नहीं होता

Bhasha

नाकामी से पार पाने के लिए कप्तानों के अपने तरीके होते हैं. विराट कोहली का सरल मंत्र है कि ईमानदार रहो और ऐसा कुछ कहो कि साथी खिलाड़ियों के दिल पर चोट करे. श्रीलंका के खिलाफ मैच हारना कोहली के लिए बड़ा झटका था.  जिसके बाद टीम को आत्ममंथन की जरूरत पड़ी.

कोहली ने कहा, 'आपको ईमानदार रहना होगा. आपको ऐसी बातें कहनी होगी जिससे सीधे दिल पर चोट लगे. मेरा तो यही मानना है. आपको खिलाड़ियों को बताना होगा कि गलती कहां हुई है. हमें उनसे सबक लेकर उतना होगा. इसी वजह से लाखों लोगों में से हमें इस स्तर पर खेलने के लिए चुना गया है.' चैंपियन भारत ने साउथ अफ्रीका को खेल के हर विभाग में हराया. अब सेमीफाइनल में भारत का सामना बांग्लादेश से होगा.


भारतीय कप्तान ने कहा, ‘आपको विफलता से वापसी करना आना चाहिए. आप बार-बार एक ही गलती नहीं कर सकते. हम एक दो खिलाड़ियों से नहीं बल्कि सभी से ऐसा कह रहे हैं और सभी उस पर अमल भी कर रहे हैं. हमें यह जीत टीम प्रयासों से मिली.'

उन्होंने कहा, ‘जैसा मैंने कहा कि आपको यह बताना होगा कि गलती कहां हो रही है? इसी के साथ उन्हें जरूरत से ज्यादा टोकना भी गलत होगा क्योंकि सभी पेशेवर क्रिकेटर हैं और मैंने इन सभी के साथ काफी क्रिकेट खेली है आपको समझना होगा कि उनसे कैसे बात करनी है और कैसे चर्चा करनी है?

कोहली ने आगे कहा, ‘वे इस स्तर पर खेलने और अच्छे प्रदर्शन को लेकर प्रेरित हैं. बस छोटी छोटी बातों को लेकर थोड़ी हौसलाअफजाई जरूरी है. इसके लिए हम अधिक मेहनत करेंगे और अधिक अभ्यास करेंगे ताकि ऐसे हालात में अच्छा खेल सकें. उन्होंने स्वीकार किया कि हर समय शांत रहना आसान नहीं होता. वह खुश है कि श्रीलंका से मिली हार के बाद टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया.

उन्होंने कहा , ‘बतौर कप्तान मैं नहीं कहूंगा कि मैं पूरी तरह से शांत हूं या मेरे साथ कोई मसला नहीं है . आप चाहते हैं कि टीम अच्छा प्रदर्शन करे और मुझे खुशी है कि हम पिछले मैच में ऐसा कर सके. साउथ अफ्रीका के खिलाफ टीम ने हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन किया. मुझे नहीं पता कि हमने कितने मैडन ओवर या गेंद फेंकी लेकिन हमने रणनीति पर पूरा अमल किया. मुझे खुशी है कि सभी गेंदबाजों ने रणनीति पर अमल किया.'