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कोहली ने कहा 'युवराज के सामने लगा, जैसे मैं किसी क्लब का बैट्समैन हूं'

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ युवराज की पारी को सराहा

Bhasha

जब दुनिया का बेस्ट बैट्समैन किसी के सामने खुद को क्लब के बल्लेबाज जैसा महसूस करने लगे तो उसे क्या कहेंगे. उसे युवराज सिंह की बल्लेबाजी कहेंगे, जिनके सामने विराट कोहली खुद को क्लब जैसा बल्लेबाज समझने लगे.

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने पाकिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी के पहले मैच में खुद से दबाव हटाने का श्रेय युवराज सिंह को दिया.  उन्होंने कहा कि युवराज को पूरे लय में बल्लेबाजी करते देख उन्हें क्लब के बल्लेबाज की तरह महसूस होने लगा.


युवराज ने 32 गेंद में 53 रन बनाए जबकि कोहली ने 68 गेंद में 81 रन की पारी खेली. कोहली ने मैच के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘युवराज जिस तरह से गेंद को पीट रहे थे, मुझे उनके सामने ऐसा लगा कि मैं कोई क्लब का बल्लेबाज हूं.’

उन्होंने कहा, ‘मैं जब 50 तक पहुंचा तब तक खुलकर खेल नहीं पा रहा था. युवी के आने के बाद उन्होंने मुझ पर से सारा दबाव हटा दिया. वह जिस तरह से खेल रहे थे, इस तरह से वही खेल सकते हैं. उन्होंने यॉर्कर पर भी चौके लगाए.’

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने पाकिस्तान को पूरी तरह से दबाव में ला दिया और मुझे भी दूसरे छोर पर जमने का मौका मिला. उनके आउट होने के बाद मैने मोर्चा संभाल लिया. उनकी पारी ने मैच बदल दिया.’ कोहली ने भारत की फील्डिंग पर निराशा जताते हुए कहा, ‘हमने गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फील्डिंग में हमारे दस में से छह ही नंबर रहे. हमें सर्वश्रेष्ठ टीमों के खिलाफ बेहतर फील्डिंग करनी होगी.’

विराट ने कहा, ‘शिखर ने अच्छी बल्लेबाजी की. रोहित को कुछ समय लगा और वह लाजमी भी था क्योंकि वह लंबे समय बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे थे. आईपीएल अलग है लेकिन अंतरराष्ट्रीय रन अलग हैं और पाकिस्तान के पास बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण भी था.’

कोहली ने कहा, ‘हार्दिक ने सिर्फ पांच गेंद में 18 रन बना डाले. हमने पाकिस्तान से सामना होने के कारण चार तेज गेंदबाजों को उतारा. वे स्पिन को बखूबी खेलते हैं और अधिकांश दाहिने हाथ के बल्लेबाज हैं. दूसरी टीमों के खिलाफ हम दो स्पिनरों को उतार सकते हैं.’

यह पूछने पर कि दोनों देशों के बीच तनाव के मद्देनजर पाकिस्तान के खिलाफ खेलना कितना अहम था, कोहली ने कहा, ‘हम यहां खेलने आए हैं और उसी पर फोकस है. किसी और फैसले पर बोलना मेरा काम नहीं है. आला अधिकारी उन फैसलों पर बोलेंगे. मेरी राय मायने नहीं रखती और रखनी भी नहीं चाहिए. इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप किसके खिलाफ खेल रहे हैं, आपका काम खेलना है.’