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'मैं यही सोचता रहता हूं कि अगर कार्तिक छक्का नहीं लगाते तो मेरा क्या होता'

निदाहास ट्रॉफी फाइनल के आखिरी ओवरों में दिनेश कार्तिक के जोड़ीदार रहे विजय शंकर ने तोड़ी चुप्पी

FP Staff

निदाहास ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक के छकके की हर तरफ चर्चा हो रही है. आखिरी के दो ओवरों में दिनेश ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके भारत को यह मुकाबला जिता दिया था. दिनेश कार्तिक के साथ उस मुकाबले में दूसरे छोर पर मौजूद भारतीय बल्लेबाज विजय शंकर ने अब इस मसले पर चुप्पी तोड़ी है.

दरअसल इस मुकाबले में भारत के लिए जरूरी रन रेट विजय शंकर की धीमी बल्लेबाजी के चलते ही बढ़ गई थी. टीम इंडिया में नई-नई जगह बनाने वाले विजय शंकर को दिनेश कार्तिक से पहले भेजा जाना ही कई लोगों के गले नहीं उतर रहा था.


उसके बाद इस बेहद तनाव भरे मुकाबले में विजय शंकर ने कुछ डॉट्स गेंदे खेलकर टीम इंडिया पर दबाव बढ़ा दिया था.

आखिरी ओवर में भी जीत के लिए जब 12 रन की दरकार थी तब भी विजय शंकर ने डॉट बॉल्स खेल दी और पांचवीं गोंद पर आउट हो गए. इंडियन एक्स्प्रैस के साथ बात करते हुए शंकर ने कहा है जब कार्तिक आखिरी बॉल खेल रहे थे तौ मैंने आंखे बंद कर ली थीं. कार्तिक के छक्के और भारत के मैच जीतने के 15 मिनट बाद तक मुझे होश नहीं आया. मैं यही सोचता रहा कि अगर कार्तिक आखिरी गेंद पर छक्का नहीं लगाते तो क्या होता.’

अगर कार्तिक वह छक्का नहीं लगाते तो इस मुकाबले का हारने का सारा जिम्मा मेरे ही कंधों पर होता. मैं कार्तिक का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने भारत को वह मैच जिता दिया. साथ ही खुद से नाखुश भी हूं कि मैंने इतना बड़ा मौका गंवा दिया.