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डे-नाइट टेस्ट को लेकर हरभजन सिंह के निशाने पर बीसीसीआई

हरभजन का कहना है कि हो सकता है गुलाबी गेंद से खेलना उतना मुश्किल ना हो जितना माना जा रहा है

FP Staff

बीसीसीआई ने भले ही डे-नाइट टेस्ट से खुद को दूर कर लिया है लेकिन अब उसके इस फैसले के आलोचकों में टीम इंडिया के फिरकी गेदबाज रहे हरभजन सिंह भी शामिल हो गए हैं. उनका कहना है, ‘मुझे नहीं पता कि वे डे-नाइट टेस्ट मैच क्यों नहीं खेलना चाहते हैं. यह दिलचस्प फॉर्मेट है और हमें इसे अपनाना चाहिए. मैं पूरी तरह से इसके पक्ष में हूं.’

उन्होंने कहा, ‘ मुझे बताइये कि गुलाबी गेंद से खेलने को लेकर क्या आशंकाएं हैं? अगर आप खेलते हो तो आप सामंजस्य बिठा सकते हो. हो सकता है कि यह उतना मुश्किल न हो जितना माना जा रहा है.’


वहीं सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी  सीओए प्रमुख विनोद राय ने भारतीय क्रिकेट टीम के ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गुलाबी गेंद से डे-नाइट के क्रिकेट खेलने के नहीं फैसले का समर्थन किया.

राय ने एक किताब विमोचन के मौके पर कहा, ‘इसमें क्या गलत है, अगर हम सारे मैच जीतना चाहते हैं? जो भी टीम पिच पर उतरती है, वो जीतना चाहती है. 30 साल पहले वे कहते थे कि भारत केवल ड्रा के लिये टेस्ट मैच खेलता है लेकिन अब वे ऐसा नहीं कहते.’

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने बोर्ड के फैसले का समर्थन किया. उन्होंने कहा, ‘जब तक भारतीय खिलाड़ी यह नहीं कहते कि वे डे नाइट टेस्ट खेलने के लिये तैयार हैं, तब तक कोई डे-नाइट मैच नहीं होंगे.

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस साल के आखिर में एडिलेड में डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने से इनकार कर दिया जिसके कारण कई पूर्व क्रिकेटरों ने उसकी आलोचना की, इनमें मार्क वॉ और इयान चैपल भी शामिल हैं.