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हितों के टकराव के चलते बीसीसीआई में गिरा बड़ा विकेट, जनरल मैनेजर एमवी श्रीधर का इस्तीफा

पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन द्वारा नियुक्त किए गए श्रीधर ने छह क्रिकेट क्लबों में अपने मालिकाना हक की जानकारी को छुपाया था

Shailesh Chaturvedi

लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के बाद बीसीसीआई में लागू हुए नए नियमों के तहत हितों के टकराव की चाबुक अब बोर्ड के जनरल मैनेजर एमवी श्रीधर पर चल गई है. बोर्ड के क्रिकेट ऑपरेशंस देखने वाले एमवी श्रीधर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जिसे सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने कबूल भी कर लिया है.

जानकारी के मुताबिक श्रीधर ने पिछले सप्ताह इस्तीफा दिया था जिसे सीओए ने स्वीकार करते हुए उन्हें 30 सितंबर को कार्यमुक्त करने का फैसला किया है. श्रीधर के ऊपर आरोप थे कि उन्होंने हैदराबाद क्रिकेट ऐसोसिएशन के अंतर्गत आने वाले कुछ क्लबों में अपने मालिकाना हक की जानकारी को छुपाया था. ऐसा करना सीधे–सीधे लोढ़ा कमेटी के सुझाए नियमों के तहत हितों के टकराव के दायरे में आ रहा था. लिहाजा उन्हे बिना शर्त इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया था.


श्रीधर को इस पद पर बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एम श्रीनिवासन ने नियुक्त किया था. श्रीधर इससे पहले हैदराबाद क्रिकेट ऐसोसिएशन के सैक्रेटरी भी रह चुके हैं और घरेलू स्तर पर कई मैच भी खेल चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक हैदराबाद क्रिकेट ऐसोसिएशन से जुड़े छह क्लबों में उनकी भागीदारी थी जिसका खुलासा उन्होंने नहीं किया था. हैदराबाद क्रिकेट ऐसोसिएशन के के मौजूदा अध्यक्ष और भारत के पूर्व ऑफ स्पिनर अरशद अय्यूब ने इस बात की जानकारी सीओए को दी थी जिसके बाद ही श्रीधर को इस्तीफा देने का निर्देश दिया गया.