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बंद हो गई है गंभीर के लिए टेस्ट की राह?

टीम मैनेजमेंट की भी पहली पसंद नहीं हैं गंभीर

Shailesh Chaturvedi

सोमवार की रात गौतम गंभीर के लिए आसान नहीं रही होगी. उन्हें पता था कि अगली सुबह उनके टेस्ट करियर का फैसला करने वाली साबित हो सकती है. राजस्थान के खिलाफ वह सोमवार की शाम छह रन पर नॉट आउट थे. उनके लिए टीम इंडिया मे जगह बनाना बहुत मुश्किल था. लेकिन गंभीर के हाथ में मंगलवार को एक बेहतरीन पारी खेलकर अपना दावा ठोकने का मौका था. पंकज सिंह की गेंद पर आउट हो कर उन्होंने मौका गंवाया. दस रन बनाकर वो आउट हुए. शाम होते-होते इंग्लैंड के खिलाफ अगले तीन टेस्ट के लिए टीम घोषित हुई, जिसमें गंभीर का नाम नहीं था.

इसी के साथ अब शायद गंभीर के लिए टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं. उनकी टीम में वापसी मुरली विजय, केएल राहुल और शिखर धवन की बेहद कमजोर फॉर्म या चोट की वजह से ही हो सकती है. ऐसे में भी एकाध टेस्ट की बात हो तो चेतेश्वर पुजारा को पार्ट टाइम ओपनर की तरह भी इस्तेमाल करते हैं. गंभीर वैसे भी 35 के हो चुके हैं. इस उम्र में टीम से बाहर होकर वापसी कभी आसान नहीं होती. जब न्यूजीलैंड के खिलाफ मौका मिला था, वो भी चमत्कार जैसा ही था. उसमें गंभीर से ज्यादा बाकी खिलाड़ियों की चोट का हाथ था. उस मौके को गंभीर नहीं भुना पाए.


गंभीर 2014 से लगातार बाहर ही चल रहे हैं. तब इंग्लैंड दौरे पर वो चार पारियों में 25 रन बना पाए थे. हालांकि उन्होंने उसके बाद घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन किया. लेकिन अब वापसी के लिए उस तरह का अच्छा प्रदर्शन भी काफी होगा, इसे लेकर संदेह है.

स्टांस में किया था बदलाव

गंभीर ने वापसी के लिए तमाम कोशिशें कीं. क्रिकेट कोच ऑफ स्टंप के बाहर खेलते हुए उनकी तकनीक में गलतियों का  इशारा करते रहे हैं. हालांकि उसके बावजूद गंभीर ने रन बनाए. इंग्लैंड के खिलाफ नाकामयाबी के बाद उन्होंने स्टांस में बदलाव किया था. अब गेंदबाज का सामना करते हुए उनका दायां कंधा मिडविकेट की तरफ होता है और अगला पांव एक्स्ट्रा कवर की तरफ. उन्होंने वापसी करते हुए खेले टेस्ट में एक अर्ध शतक भी जमाया. लेकिन जब राजकोट में नाकामी मिली, तो साफ हो गया कि उनकी राह आसान नहीं है.

टीम मैनेजमेंट भी साथ नहीं

विशाखापत्तनम टेस्ट के दो दिन पहले कोच अनिल कुंबले ने साफ कर दिया था कि केएल राहुल उनके लिए पहली पसंद हैं. उसके अगले दिन कप्तान विराट कोहली ने भी यही कहा. इसने भी काफी कुछ साफ कर दिया.

गंभीर 2007 के टी 20 वर्ल्ड कप और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे हैं. भारतीय टीम 2009 में नंबर वन बनी टेस्ट टीम का हिस्सा थे. उन्होंने लगातार बेहतर होती टीम इंडिया में अपना रोल निभाया है. अब गंभीर का रवैया पर भी नजर होगी. देखना होगा कि वो वापसी की किस कदर कोशिश करते हैं.