बड़े खिलाड़ियों को उनकी शौहरत के चलते कई बड़ी जिम्मेदारी वाली कमेटियों में शामिल कर लिया जाता है लेकिन अक्सर इन खिलाड़ियों की लापरवाही के मामले सामने आते रहते है जो उन इन बड़ी हस्तियों के इन कमेटियों में शामिल करने के फैसले पर सवालिया निशान लगा देते हैं.
पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वीरेन्द्र सहवाग नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) की डोपिंग रोधी सुनवाई पैनल (एडीएपी) में शामिल होने वाले सबसे महत्वपूर्ण सदस्य हैं लेकिन इस पूर्व भारतीय कप्तान ने अब तक इसकी एक भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया जिससे पैनल में उनकी उपस्थिति को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
पिछले साल नौ नवंबर को सहवाग को छह सदस्यीय एडीएपी पैनल में शामिल किया गया था. इस पैनल में जस्टिस आरपी ईश्वर (प्रमुख), वकील विभा दत्त मखीजा, दिल्ली के पूर्व कप्तान विनय लांबा, डा. नवीन डांग और डा. हर्ष महाजन भी शामिल हैं.
एडीएपी सबस बड़ी यूनिट हैं जहां खिलाड़ी डोपिंग रोधी अनुशासनिक पैनल (एडीडीपी) की सजा के खिलाफ अपील कर सकते है. डोपिंग
सहवाग नए पैनल के गठन के बाद एडीएपी की एक भी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.
वीरेन्द्र सहवाग ने एडीएपी पैनल से इस्तीफा नहीं दिया है. वह पैनल के सदस्य है. उन्होंने अब तक खुद को पैनल की सुनवाई में शामिल होने से अलग रखा है. सहवाग के अलावा बाकी सभी सदस्यों ने एडीएपी की कई बैठकों में भाग लिया है.