देश की राजनीति को हिला कर रख देने वाले टूजी घोटाले में देश को एक लाख छिहत्तर हजार करोड़ का चूना लगाने वाली रिपोर्ट देने वाले उस वक्त के कंपट्रौलर एंड ऑडिटर जनरल यानी कैग विनोद राय अब इस इस मसले पर बात भी नहीं करना चाहते थे.
विनोद राय इस वक्त सुप्रीम कोर्ट की बनाई बीसीसीआई का प्रशासकों की समिति यानी सीओए के मुखिया के तौर पर बोर्ड का कार्यभार देख रहे हैं. बुधवार को मुंबई में बीसीसीआई की मीटिंग के बाद जब वह पत्रकारों के साथ मुखातिब थे तब टूजी घोटाले पर पूछे गए सवाल को वह ऐसे झुक कर बचा गए जैसे कोई मंझा हुआ बल्लेबाज किसी बाउंसर गेंद पर खुद को बचाता है.
यही नहीं विनोद राय ने सवाल पूछने वाले पत्रकार से ही पूछ डाला कि 'वह क्रिकेट हैंडल करते हैं या फिर टूजी.'
दरअसल विनोद राय की रिपोर्ट ने ही टूजी स्पैक्ट्रम की नीलामी को सवालों के घेरे में ला खड़ा किया था. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नीलामी की पूरी प्रकिया को रद्द कर दिया था. इस मामले की सीबीई जांच भी हुई और कई बड़े राजनीतिज्ञ और बिजनेसमेन जेल भी गए थे.
पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और द्रमुक सांसद कनिमोडी समेत 17 लोगों को पिछले साल 21 दिसंबर को सीबीआई की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में बरी कर दिया.अदालत के इस फैसले के बाद यह पहला मौका था जब विनोद राय पत्रकारों से मुखातिब हो रहे थे लिहाजा टूजी स्पैक्ट्रम का सवाल उठना भी लाजिमी था लेकिन इसका जबाव देने की बजाय विनोद राय ने पत्रकारों को ही अपने काम से काम रखने की नसीहत दे डाली.
(एजेंसी इनपुट के साथ)