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नेहरा के फेयरवेल मुकाबले में फ्री के टिकिट्स ना मिलने पर दिल्ली पुलिस- म्युनिसिपेलिटी ने अपनाए ये हथकंडे!

एसडीएमसी ने टॉस से एन पहले क्रिकेटरों की किचन में जड़ा ताला, दिल्ली पुलिस ने बिना टिकिट्स/जांच के कराई लोगों की स्टेडियम में एंट्री!

FP Staff

हमारे देश में क्रिकेट के मुकाबलों की दीवानगी तो जग जाहिर है. मैदान पर अपने पसंदीदा क्रिकेटरों को खेलते हुए देखने के लिए फैंस किसी भी कीमत पर टिकिट्स खरीदना चाहते हैं. लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो फ्री के टिकिट्स पाने की जुगत में रहते हैं और ऐसे लोगों में दिल्ली पुलिस और म्युनिसिपेलिटी लोग भी शामिल है और जब उन्हें उनके मन मुताबिक फ्री टिकिट्स नहीं मिलते हैं वह मैच से पहले ऐसे हालात पैदा कर देते है जिससे हरकोई शर्मसार हो सकता है.

जी हां.. यह खुलासा किया है डीडीसीए के प्रशासक रिटायर्ड जस्टिस विक्रमजीत सिंह ने. समाचार पत्र इंडियन ऐक्सप्रैस से बात करते हुए उन्होंने बीते एक नवंबर को फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए भारत न्यूजीलैंड के बीच खेले गए टी20 मुकाबले में दिल्ली पुलिस और साउथ दिल्ली म्युनिसिपेलिटी यानी एसडीएमसी के लोगों पर फ्री के टिकिट्स हासिल करने के लिए ऐसे-ऐसे हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया है जिनसे खेल और खिलाड़ियों की सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती थी और अगर ऐसा होता तो इंटरनेशनल स्तर पर भारत नाक कटनी तय थी.


एक नंबवर को खेला गया मुकाबला आशीष नेहरा के फेयरवेल मुकाबला था. उनके मुताबिक दिल्ली पुलिस और एसडीएमसी को भी इस मुकाबले के पर्याप्त पास दे दिए गए थे. लेकिन इसके बावजूद और ज्यादा फ्री टिकिट्स ना मिलने से नाराज होते हुए एसडीएमसी के लोगों ने टॉस होने से कुछ घंटे पहले खिलाड़ियों के रसोई घर पर ताला जड़ दिया. जब उन्हें और ज्यादा पास दिए गए उसके बाद ही वह तोला खोला गया और क्रिकेटरों का डिनर तैयार हो सका.

बिना जांच/टिकिट्स के दिल्ली पुलिस ने स्टेडियम में कराई लोगों की एंट्री!

वहीं दिल्ली पुलिस की कलई खोलते हुए उन्होंने सीसीटीवी फुटेज के हवाले से आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस ने बिना जांच किए गेट नंबर दो से कई लोगों को बिना टिकिट्स के एंट्री करवाई थी जो कि खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर बहुत बड़ी चूक थी. उनका दावा है कि दिल्ली पुलिस कम 'फ्री टिकिट्स' दिए जाने से नाराज थी. यही नहीं ट्रैफिक पुलिस ने इस बात से नाराज होकर पार्किंग स्टिकर भी जारी करने से मना कर दिया था.

जस्टिस विक्रमजीत सिंह ने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को एक चिट्टठी लिखकर इस बात की शिकायत भी की है.  देखना होगा कि पुलिस कमिश्नर अब मसले पर क्या कार्रवाई करते हैं