रणजी ट्रॉफी में बंगाल के कप्तान मनोज तिवारी का मानना है कि वो प्रज्ञान ओझा विवाद के बारे में कुछ नहीं सोच रहे हैं और उनका ध्यान सिर्फ अपनी टीम के प्रदर्शन पर है. तिवारी ने कहा, 'देखिए पिछले कुछ समय से मैं प्रज्ञान ओझा के संपर्क में नहीं हूं.
मेरे पास कोई जानकारी नहीं है कि वो क्या कर रहे हैं, साथ ही सेलेक्शन के मामले मेरे दायरे में नहीं हैं. मेरे पास इसके अलावा भी कई सारे काम हैं. मेरा ध्यान सिर्फ इस बात पर है कि हम मैच में किस रणनीति से उतरेंगे.
जब तिवारी से ये पूछा गया कि क्या कैब ओझा को रिलीज कर सकता है, इसपर तिवारी ने कहा, ‘आप गलत व्यक्ति से सवाल पूछ रहे हैं. इसका फैसला करना मेरे हाथ में नहीं है. मेरी जिम्मेदारी टीम के लिए अच्छा खेलना और टीम को ट्रॉफी जितवाना है. ओझा के मामले में मुझे कुछ नहीं पता. इसलिए मैं इस मामले पर कुछ भी नहीं कहना चाहूंगा. मेरा पूरा ध्यान इस समय सिर्फ मैच पर है.'
आपको बता दें कि ओझा ने बंगाल से एनओसी मांगा था. ओझा अपनी घरेलू टीम (हैदराबाद) वापस लौटना चाहते थे लेकिन कैब अध्यक्ष सौरव गांगुली ने ऐसा करने से इनकार कर दिया.
इससे ओझा नाराज हो गए और ना तो वो बंगाल के प्रैक्टिस सेशन में पहुंचे और ना ही चयनकर्ताओं से संपर्क करने की कोशिश की. तिवारी ने इस मामले पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका पूरा ध्यान सिर्फ मैच पर है