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नए संविधान के लागू होते ही खत्म हो जाएगी बीसीसीआई की फाइनेंस कमेटी

सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति ने दिया बीसीसीआई को झटका, ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं फाइनेंस कमेटी के चेयरमेन

Bhasha

सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने बीसीसीआई को एक और झटका दिया है. सीओए ने साफ किया है कि अगर बीसीसीआई के नये संविधान को लागू किया जाता है तो ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता वाली फाइनेंस कमेटी  का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा.

सीओए ने समिति के समन्वयक बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी  को कड़े शब्दों में लिखे पत्र में उप समिति की भूमिका और कार्यक्षेत्र के दायरे के बारे में जानकारी दी.


सीओए ने समिति की अपनी भूमिका के बारे में पूछे गये सवालों के संबंध में 11 बिंदुओं का खंडन जारी किया. वित्त समिति ने सभी खिलाड़ियों की आर्थिक लाभ संबंधित नीतियों (जिसमें महिलाओं के केंद्रीय अनुबंध में बढ़ोतरी भी शामिल थी) पर फैसला सुरक्षित रखा था.

वित्त समिति के चेयरमेन ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले गुरूवार को बैठक में से जल्दी चले गये थे, जिसमें उन्होंने समिति की भूमिका और कार्यक्षेत्र के दायरे में सवाल भी रखा था और मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी से सीओए से स्पष्टीकरण हासिल करने की मांग की थी.

सीओए की चिट्ठी जिसमें 11 स्पष्ट बातें कही गयी है जिसमें 10वें बिंदु में बताया गया है, ‘कृपया यह ध्यान रखिये कि वित्त समिति (साथ ही विभिन्न अन्य समितियां) का बीसीसीआई के संविधान मसौदे में शामिल समितियों की सूची में कोई जिक्र नहीं है जो लोढा समिति की सिफारिशों के हिसाब से बनाया गया है. ’ इसके अनुसार, ‘इसी के अनुसार यह पद बीसीसीआई के नये संविधान के आने तक ही रहेगा और नया संविधान लागू होने के बाद यह ऐसा नहीं होगा. ’