अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) को विश्वास है कि आठ बार का ओलिंपिक चैंपियन भारत 2019 में शुरू हो रहे उसकी महत्वाकांक्षी प्रो लीग योजना से जुड़ेगा.
इस टूर्नामेंट से भारत के पीछे हटने के बाद एफआईएच ने कहा कि लंबे समय तक बने रहने के लिए उसे भारत की जरूरत है.
एफआईएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जैसन मैक्राकेन ने कहा कि भारत की मौजूदगी से हॉकी ‘मजबूत’ होती है.
मैक्राकेन ने कहा, ‘भारत को प्रो लीग से जोड़कर एफआईएच को खुशी होगी. मुझे लगता है भविष्य में जब समय सही होगा भारतीय टीम इससे जुड़ेगी क्योंकि भारत के होने से हाकी मजबूत होती है.’ विश्व हॉकी लीग के इतर मैक्रकेन ने कहा, ‘हम हमेशा हॉकी इंडिया से बात करते है. उनके लिए दरवाजा हमेशा खुला है. एक प्रक्रिया के तहत कोई भी टीम प्रो लीग से जुड़ सकती हैं.’
जब उनसे प्रो लीग के पहले सत्र में भारतीय टीम के जुड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘दरवाजे अभी खुले हैं, हम कार्यक्रम पर काम कर रहे हैं. वैश्विक स्तर पर कुल 144 मैच होंगे इसलिए हमें कार्यक्रम को समायोजित करना होगा. इसके लिए एक प्रक्रिया है जिसे पूर कर भारत ही नहीं दूसरे देश भी प्रो लीग से जुड़ सकते हैं.’ उन्होंने इसे ओलिंपिक और विश्व कप के बाद सबसे बड़ा टूर्नामेंट बताते हुए कहा कि प्रो लीग में पुरूष और महिला वर्ग में नौ देश है जो घर और विदेश में एक दूसरे से भिड़ेंगे.
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह शानदार सफलता वाला होने वाला हैं क्योंकि सभी 144 मैच किसी टीम के घरेलू मैच होंगे. जब हम भारत को खेलते हुए देखते हैं तो मैदान दर्शकों से खचाखच भरा रहता है, हम पूरी दुनिया में ऐसा ही चाहते हैं. भारत की पुरुष और महिला टीम पहले इसमें शामिल थे लेकिन बाद में भारत (हॉकी इंडिया) यह कहते हुए हट गया कि टूर्नामेंट से महिला टीम को कोई फायदा नहीं होगा.
इस टूर्नामेंट की शीर्ष चार टीमें 2020 ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई करेगी.