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जावेद मियांदाद ने कहा- भारत क्रिकेट नहीं, हमसे 'खेलना' चाहता है

क्रिकेटरों ने पीसीबी से कहा, भारत के खिलाफ श्रृंखला की उम्मीद नहीं करें

Bhasha

पाकिस्तान के पूर्व और वर्तमान क्रिकेटरों ने पीसीबी से कहा कि वह ऐसी कोई उम्मीद नहीं रखे कि बीसीसीआई निकट भविष्य में उनके देश के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला का कार्यक्रम बनाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बीसीसीआई ने भारतीय विदेश मंत्रालय को पाकिस्तान के खिलाफ नवंबर में मैच खेलने के लिए मंजूरी देने के लिए लिखा है. इस बात पर जावेद मियांदाद जोर से हंस पड़े.

मियांदाद ने कहा, ‘वे हमेशा की तरह केवल हमारे साथ 'खेलना' चाहते हैं. उनकी द्विपक्षीय श्रृंखला में खेलने में सबसे कम दिलचस्पी है.’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले कुछ साल में भारत से द्विपक्षीय श्रृंखला बहाल करने की सभी तरह की कोशिशें की. लेकिन उसे सफलता नहीं मिली.


मियांदाद ने कहा, ‘उन्होंने हमेशा कोई न कोई बहाना बनाया. यह नया शगूफा शायद उन्होंने इसलिए छोड़ा होगा, ताकि पाकिस्तानी अधिकारियों को भारत के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला का मसला अगले महीने आईसीसी बैठक में नहीं उठाने के लिए मना सकें.’

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि वह यह मसला आईसीसी के सामने रखेगा. पाकिस्तान के टेस्ट कप्तान मिसबाह उल हक ने कहा कि अगर भारत पाकिस्तान से खेलने के लिए गंभीरता से विचार करता है तो यह अच्छी खबर है. उन्होंने कहा, ‘मीडिया में जो कुछ आ रहा है उसे छोड़कर मुझे नहीं पता कि क्या हो रहा है. लेकिन अगर वे इस साल द्विपक्षीय श्रृंखला बहाल करना चाहते हैं तो यह पाकिस्तान और भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए बहुत अच्छा होगा.’

पीसीबी चेयरमैन शहरयार खान ने मीडिया रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तब बीसीसीआई ने नवंबर में संभावित श्रृंखला खेलने को लेकर उनसे बात नहीं की है. शहरयार ने कहा, ‘उन्होंने अभी तक आधिकारिक तौर पर हमसे कुछ नहीं कहा है. हमें केवल मीडिया रिपोर्ट से पता चला है. लेकिन अगर यह सही है तो हमें भी अपनी सरकार से मंजूरी लेनी होगी.’

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान राशिद लतीफ ने कहा कि पीसीबी को तभी भारतीय बोर्ड को गंभीरता से लेना चाहिए जब यह पुष्टि हो जाए कि उसे अपनी सरकार से लिखित मंजूरी मिल गई है. लतीफ ने कहा, ‘तब तक पीसीबी को अपना मामला आईसीसी के पास बढ़ाना चाहिए और भारत से मुआवजा लेने के लिए कानूनी आधार पर हर तरह की कोशिश करनी चाहिए.’