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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: कहीं टीम इंडिया पर भारी न पड़ जाए कोहली-कुंबले विवाद!

मैच की तैयारी से ज्यादा कोच-कप्तान मनमुटाव की खबरों से खिलाड़ियों का ध्यान भटका हुआ है!

FP Staff

चैंपियंस ट्रॉफी में जहां टीम इंडिया से खिताब बचाने की उम्मीद की जा रही है लेकिन भारतीय टीम तो अपनी ही उलझनों में फंसी हुई है.

भारत और पाकिस्तान के मैच से पहले जहां दर्शकों में बेहद उत्साह है वहीं भारतीय टीम में कोच को लेकर हलचल मची हुई है. खबर है कि कोच कुंबले और कप्तान कोहली विवाद से टीम असमंजस में है.


मैच की तैयारी से ज्यादा कोच-कप्तान मनमुटाव की खबरों से खिलाड़ियों का ध्यान भटका हुआ है. पाकिस्तान के साथ 4 जून को भारत का मैच है.

वहीं, जल्द ही तेंदुलकर, लक्ष्मण. गांगुली इंग्लैंड में कोच और कप्तान से मुलाकात करने वाले हैं. लेकिन, न ही बीसीसीआई के अधिकारी और ना ही सीओए ने अब तक कोई पहल की है.

कब शुरू हुआ विवाद?

दरअसल, कुंबले और कोहली के बीच तनाव के शुरुआत टीम इंडिया के लंदन पहुंचते ही हो गई जब बीसीसीआई ने नए कोच के लिए आवेदन मंगाने की बात सार्वजिनक की. शुरू में तो ऐसा लगा कि बीसीसीआई के कुछ पुराने अधिकारी कुंबले से नाखुश हैं और इसलिए उन पर दबाव बनाने के लिए ऐसी चाल चल रहे हैं.

लेकिन, इस विवाद में एक नया खुलासा भी सामना आया. अगर सूत्रों का भरोसा किया जाए तो कप्तान कोहली और कुंबले के बीच पिछले कुछ महीनों से मनमुटाव चल रहा था. इसकी शुरुआत हुई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट मैच से जब कोहली के अनफिट होने पर कुलदीप यादव को पहला टेस्ट खेलने का मौका दिया गया.

हालांकि, मैच खत्म होने के बाद कप्तान कोहली ने प्रेस कांफ्रेस में अंजिक्य रहाणे और 'अनिल भाई' की इस बोल्ड फैसले के लिए जमकर तारीफ की थी. लेकिन, अब ये बात खुलकर सामने आ रही है कि कप्तान कोहली उस फैसले से खुश नहीं थे. कोहली ही नहीं टीम इंडिया के कुछ और सीनियर खिलाड़ी भी कुंबले की कोचिंग स्टाइल से खुश नहीं माने जा रहे हैं हालांकि किसी ने इस बात पर आधिकारिक ब्यान नहीं दिया है.

कोहली ने की थी शास्त्री की वकालत

वहीं, लंदन में अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस में कोहली ने जिस तरह से कुंबले प्रकरण में बीसीसीआई के रवैये को सिर्फ 'एक सामान्य प्रकिया बताया' उससे भी जानकार हैरान थे. ये बात किसी से छिपी नहीं है कि कोच के तौर पर कोहली की पहली पंसद रवि शास्त्री थे और किस तरह से पिछले साल सार्वजनिक तौर पर कोहली ने शास्त्री के चयन के लिए वकालत की थी. लेकिन, इस बार कोहली ने कुंबले की कोचिंग के लिए ऐसी कोई बात नहीं की.

भारतीय क्रिकेट में कयास का दौर जारी है. उस पर भी जब तक कप्तान और कोच साझे तौर पर इस 'दरार' वाली बात का खंडन नहीं करते हैं तो भारत-पाकिस्तान मुकाबले से पहले ये टीम इंडिया के लिए सबसे ज्यादा भटकाने वाला मुद्दा साबित हो सकता है.