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दीपा के दिल से ये बड़ा डर निकालना चाहते हैं उनके कोच

जिम्नास्ट दीपा करमाकर के कोच बिश्वेश्वर नंदी को लगता है कि दीपा की चोट के बाद वापसी में अब भी अपने मन में भरे दोबारा चोटिल होने के डर से निबटने की जरूरत है

FP Staff

जिम्नास्ट दीपा करमाकर के कोच बिश्वेश्वर नंदी को लगता है कि इस खिलाड़ी को चोट के बाद वापसी में अब भी अपने मन में भरे दोबारा चोटिल होने के डर से निबटने की जरूरत है.  घुटने की चोट के कारण यह 24 साल की जिम्नास्ट 2016 रियो ओलिंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर रहने के बाद किसी टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाई है.

अप्रैल 2017 में आपरेशन के बाद इस चोट से उबरने की प्रक्रिया धीमी रही है लेकिन अब वह इससे उबर चुकी हैं और एशियाई खेल में अभी कुछ महीने बचे हैं. नंदी ने कहा , ‘मैं कहूंगा कि वह अभी 90 प्रतिशत फिट है. वह अगले महीने के बाद से पूरी तरह तैयार होगी.’


कोच ने राष्ट्रमंडल खेलों के ट्रायल से भी दीपा को बाहर रखा क्योंकि वह पूरी तरह से फिट नहीं थी. वह डेढ़ महीने से अगरतला में ही ट्रेनिंग कर रही हैं लेकिन 'फोम पिट्स' की कमी से वह अच्छी तरह से अभ्यास नहीं कर पाएंगी.

नंदी ने पुष्टि की कि दीपा इस हफ्ते से यहां साई की अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण सेंटर में ट्रेनिंग शुरू कर देंगी. एशियाई खेलों में चुनौती कॉमनवेल्थ गेम्स से ज्यादा होगी. दीपा ने चार साल पहले कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. कोच ने कहा ‘ आपको वहां चीन , जापान और दो नों कोरियाई टीम की चुनौती मिलेगी. मैं यह नहीं कह सकता कि वह मेडल जीत सकती है लेकिन उसे सही समय पर लय हासिल करनी होगी और सबसे अहम बात है कि उसे इस डर को निकालना होगा कि वह दोबारा से चोटिल हो जाएगी.’