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क्या अब भी है राजस्थान रॉयल्स में ललित मोदी का दखल?

ललित मोदी की एक फोल कॉल की वजह से संजीव गोयनका ने राजस्थान रॉयल्स की टीम में हिस्सेदारी खरीदने का फैसला बदला!

FP Staff

दस साल पहले आईपीएल को शुरू करने में अहम भूमिका निभाने वाले इसके पहले कमिश्नर भले ही लंबे वक्त से क्रिकेट और देश से दूर हैं लेकिन उनकी एक फोन कॉल बोर्ड में अब भी हड़कंप मचा सकती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक दो साल के लिए आईपीएल में शामिल हुई पुणे सुपर जायंट्स के मालिक संजीव गोयनका राजस्थान रॉल्स की टीम में स्टेक खरीना चाहते थे लेकिन ललित मोदी की एक फोन कॉल ने सारा मामला खराब कर दिया.

दरअसल आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में फंस कर दो साल के लिए निलंबित हुई राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स की जगह पर शामिल की गई एक टीम पुणे सुपरजायंट् के मालिक आईपीएल में जुड़े रहना चाहते थे. निलंबित हुई दोनों टीम की वापसी के बाद पुणे की टीम की आईपीएल में यात्रा खत्म हो चुकी है. ऐसे में संजीव गोयनका वापसी कर रही राजस्थान रॉयल्स को खरीदना चाहते थे.


खबर के मुताबिक गोयनका और राजस्थान रॉयल्स के मालिकों के बीच बातचीत जब थोड़ी आगे बढ़ी तब कुछ दिन बाद गोयनका के पास ललित मोदी का फोन आया और उन्होंने कहा कि राजस्थान रॉयल्स में स्टेक खरीदने के लिए गोयनका को उनसे बात करनी होगी.

अखबार लिखता है कि गोयनका ने यह बात बोर्ड के अधिकारियों के बताई और फिर जो चर्चा हुई  तो उसके बाद गोयनका ने राजस्थान रॉयल्स में हिस्सेदारी खरीने का इरादा छोड़ दिया.

जाहिर है बोर्ड किसी भी सीतर में ललित मोदी को कोई भी इनवॉल्वेंट नहीं चाहतै है. यही वजह है कि राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के निलंबन की वापसी के लिए बोर्ड ने कड़ी शर्तें रखी हैं जिनमें ललित मोदी को कऊ कोई पद ना देने का हलफनामा दायर करना शामिल है.