कुछ समय पहले भारत की टी 20 टीम चुनी गई थी. उसमें महेंद्र सिंह धोनी का नाम नहीं था. तब यह माना गया था कि शायद अब धोनी के लिए टी 20 क्रिकेट के लिए भी दरवाजे बंद हो गए हैं. टेस्ट वो काफी समय से नहीं खेलते. ऐसे में सिर्फ वनडे क्रिकेट ही बची थी. वो भी शायद इसलिए, क्योंकि 2019 में वर्ल्ड कप होना था.
टीम चयन के बाद चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद से सवाल किया गया था कि धोनी टीम में क्यों नहीं हैं. यही सवाल कुछ दिनों बाद विराट कोहली से भी पूछा गया था. विराट ने कहा था, ‘अगर मैं गलत नहीं हूं, तो शायद चयनकर्ता इस मुद्दे पर पहले ही बात कर चुके हैं. उनसे बात की गई थी. वो अब भी टीम का अहम हिस्सा हैं. उन्हें लगता है कि टी 20 फॉरमेट में ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए. वैसे भी वो वनडे तो लगातार खेलते ही हैं. उस लिहाज से देखा जाए तो वो युवा खिलाड़ी की मदद कर रहे हैं.’
विराट के मुताबिक धोनी ने पंत के लिए हटने का फैसला किया था
विराट के बयान से दो बातें सामने आती हैं. पहली, महेंद्र सिंह धोनी से बात करके उन्हें टीम में नहीं लिया गया. दूसरी, धोनी ने खुद ऋषभ पंत के लिए जगह खाली की, ताकि युवा खिलाड़ी को प्रोत्साहित किया जा सके. उसके बाद हुआ क्या? उसके ठीक बाद वेस्टइंडीज से सीरीज हुई, जिसमें 31 साल के दिनेश कार्तिक ने कीपिंग की. ऑस्ट्रेलिया में जरूर तीन टी 20 मैचों की सीरीज के दो मैचों में पंत ने कीपिंग की. एक मैच बारिश की वजह से नहीं हो सका.
अब महज दो मैचों में पंत से कीपिंग कराने के बाद धोनी को वापस टीम में लिया गया है. क्या युवा खिलाड़ी को प्रमोट करने के लिए दो मैच काफी हैं? क्योंकि कम से कम कार्तिक को तो युवा की कैटेगरी में नहीं डाला जाएगा. न्यूजीलैंड में होने वाले टी 20 मैचों की इस टीम में पंत भी हैं और कार्तिक भी. ऐसे में जब टीम में तीन विकेट कीपर हों, तो सवाल उठता है कि प्राथमिकता किसे दी जाएगी. अगर धोनी टीम में हैं, तो जाहिर तौर पर वो बाहर बैठने के लिए तो नहीं ही हैं. ऐसे में उन्हें जगह मिलनी ही चाहिए. ऐसे में पंत या तो सिर्फ बल्लेबाज के तौर पर खेलेंगे या बाहर बैठेंगे.
पंत के लिए जगह खाली की तो अब क्या बदल गया
सवाल यही है कि अगर धोनी ने खुद पंत के लिए जगह खाली की, तो फिर अब ऐसा क्या बदल गया है? दूसरा सवाल, जैसा विराट ने कहा, अगर चयनकर्ताओं ने धोनी से बात करने के बाद उन्हें टीम में नहीं लिया तो चयनकर्ताओं के लिए हालात अब कैसे बदल गए. विराट के बयान से लगता है कि चयनकर्ताओं ने उनसे बात की. चयनकर्ताओं के साथ बातचीत में धोनी ने कहा कि वो युवा खिलाड़ी के लिए टी 20 में जगह छोड़ना चाहते हैं. इसके बाद टीम की घोषणा हुई. उसमें धोनी नहीं थे. लेकिन अब जिस टीम की घोषणा हुई है, उसमें धोनी हैं.
इससे क्या माना जाए? क्या धोनी ने युवा खिलाड़ी के लिए जगह खाली करने का फैसला छोड़ दिया है? या भारतीय टीम के पावरफुल कप्तान को पता नहीं कि चयनकर्ताओं और धोनी के बीच क्या बात हुई. अगर नहीं पता, तो विराट ने मीडिया के सामने यह क्यों कहा? ...और अगर पता है, तो इतना कनफ्यूजन क्यों है कि महज दो मैचों के बाद भविष्य की योजनाएं बदलने का फैसला किया गया?
चीफ सेलेक्टर ने कहा था कि छह मैचों के लिए धोनी ड्रॉप हुए हैं
दिलचस्प है कि विराट ने मीडिया के सामने जो बयान दिया, उससे पहले चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद ने मीडिया से बात की थी. उन्होंने कहा था, ‘धोनी अगले छह टी 20 मैच नहीं खेलने जा रहे. हम सेकेंड विकेट कीपर की तलाश में हैं. इसीलिए ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक में किसी को मौका मिलेगा.’ दोनों को तीन-तीन मैच मिले भी. उसके बाद ये दोनों टीम में हैं. साथ में धोनी भी. जाहिर है, संदेश साफ नहीं है.
धोनी ने अपना आखिरी टेस्ट दिसंबर 2014 में खेला था. पिछला टी 20 मैच जुलाई 2018 में खेला. पिछला वनडे नवंबर में खेला. इस साल उन्होंने वनडे और टी 20 में कुल मिलाकर 27 मैच खेले. 28.42 की औसत से 398 रन बनाए. साल के सात टी 20 मैचों में 41 की औसत से 123 रन बनाए. साल के 20 वनडे में 25 की औसत से 275 रन का योगदान दिया. प्रभावशाली रिकॉर्ड नहीं है. घरेलू क्रिकेट धोनी खेलते नहीं हैं. ऐसे में किसी भी तरह की मैच प्रैक्टिस उन्हें नहीं मिलती. उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी नहीं खेली. रणजी तो टेस्ट से हटने के बाद से ही नहीं खेलते. ऐसे में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी बचती है, जो फरवरी में होनी है. इससे पहले ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सीरीज है, जहां वनडे और टी 20 मैच खेले जाने हैं. यानी वर्ल्ड कप की प्रैक्टिस के लिए धोनी के पास ज्यादा मैच नहीं हैं.
क्या इसे यह माना जाए कि वर्ल्ड कप के मद्देनजर उन्हें कुछ और इंटरनेशनल मैच मिल जाएं, इसलिए वनडे के साथ टी 20 में भी लिया गया? लेकिन अगर ऐसा है, तो क्या ये बात ऋषभ पंत को पता है, जिन्हें मौका देने के नाम पर धोनी के टीम से बाहर होने की बात की गई थी? या ऐसा है कि चयनकर्ताओं को ऋषभ पंत उतना प्रभावित नहीं कर सके हैं कि धोनी को पूरी तरह बाहर कर दिया जाए. जो भी हो, सवाल विराट कोहली के बयान का था. इस मामले से साफ होता है कि या तो विराट चयन की प्रक्रिया का अहम हिस्सा नहीं हैं. इसलिए उन्हें धोनी क्यों बाहर थे, यह पता नहीं था. या फिर उस वक्त उन्होंने सच नहीं बोला. ये दोनों बातें भारतीय क्रिकेट के लिए ठीक नहीं हैं.