अपने लंबे क्रिकेटीय करियर में महेन्द्र सिंह धोनी कई बार कोर्ट कचहरी के चक्कर में फंसे हैं. और अब एक ताजा मामले ने धोनी की मुश्किल बढ़ा दी है. फिटनेस से जुड़े सामान बेचने वाली दो कंपनियों का विज्ञापन करने के मामले में हाई कोर्ट ने धोनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह याचिका स्पोर्ट्स वल्र्ड प्राइवेट लिमिटेड यानी एसडब्ल्यूपएल में 33 फीसद हिस्सेदारी रखने वाले विकास अरोड़ा ने लगाई है. इसमें कहा गया है कि अनुबंध के तहत जिम और फिटनेस से जुड़े सामान का विज्ञापन धोनी केवल उनकी कंपनी के लिए ही कर सकते हैं, लेकिन अनुबंध की शर्तो को तोड़ते हुए उन्होंने विरोधी कंपनी फिट-7 के लिए विज्ञापन किया है.
हालांकि अनुबंध का उल्लंघन होने के बावजूद एसडब्ल्यूपएल के निदेशकों ने धोनी पर कानूनी कार्रवाई नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने कंपनी में 22 करोड़ रुपये निवेश किया है. वह उनसे तय हुई रकम का भुगतान होने के बाद कंपनी से बाहर निकलने को तैयार हैं. इस बाबत कार्यवाई चल रही है.
अरोड़ा ने कहा है कि उन्होंने यह याचिका कंपनी की तरफ से ही लगाई है. लिहाजा, धोनी को ऐसा करने से रोका जाना चाहिए. हाई कोर्ट ने इस याचिका पर धौनी, एसडब्ल्यूपीएल व फिट-7 के निदेशकों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. एसडब्ल्यूपीएल की तरफ से कहा गया है कि यह याचिका गलत मकसद से लगाई गई है.