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सुप्रीम कोर्ट का दिल्ली हाई कोर्ट को निर्देश, जुलाई तक हो श्रीसंत के स्पॉट फिक्सिंग मामले का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा, श्रीसंत को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील का जुलाई के अंत तक फैसला किया जाए

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि सनसनीखेज आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत सहित कई खिलाड़ियों को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील का जुलाई के अंत तक फैसला किया जाए. श्रीसंत ने केरल हाई कोर्ट  के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई)  ने श्रीसंत पर आजीवन खेलने पर प्रतिबंध लगाया था. इस प्रतिबंध को केरल उच्च न्यायालय ने सही ठहराया था.

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि वह क्रिकेट खिलाड़ी की क्रिकेट खेलने की उत्सुकता को समझती है परंतु निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर उच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगी.


श्रीसंत ने अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप मुक्त किए जाने के तथ्य के मद्देनजर उन्हें इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए. उनका कहना है कि वह चार साल से इस प्रतिबंध को सह रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत और दो अन्य खिलाड़ियों अजित चंदीला तथा अंकित चव्हाण को 2013 में आईपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था.

केरल उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने पिछले साल सात अगस्त को श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध हटा लिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ ने क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की अपील पर श्रीसंत पर आजीवन प्रतिबंध फिर से बहाल कर दिया था. स्पॉट फिक्सिंग मामले में श्रीसंत, चव्हाण और चंदीला सहित सभी 36 आरोपियों को जुलाई, 2015 में निचली अदालत ने आरोप मुक्त कर दिया था. हालांकि बोर्ड ने इस फैसले के बावजूद अपना अनुशासनात्मक निर्णय बदलने से इनकार कर दिया था.