हाल ही में क्रिकेट से संन्यास लेने वाले टीम इंडिया के बल्लेबाज गौतम गंभीर अब एक विवाद में फंस गए हैं. दरअसल जमीन से जुड़े एक मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गंभीर के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया है.
गंभीर एक रीयल स्टेट कंपनी के ब्रैंड एंबेसडर थे जिसने उनपर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. साथ ही उनपर वित्तीय गड़बड़ी का भी आरोप है. यह प्रोजेक्ट NCR में विकसित होना था लेकिन हुआ नहीं और निवेशकों का पैसा डूब गया.
गंभीर के नाम निवेशकों के करोड़ों रुपए इस प्रोजेक्ट में लिए गए जिसके चलते वह पहले से ही कानूनी पचड़े में फंसे हैं. गंभीर ने इसके लिए एक रिवीजन अर्जी दाखिल की थी जिसे दिल्ली की साकेत अदालत ने खारिज करते हुए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया.
इस वांरंट के जारी होने के बाद गंभीर ने सोशल मीडिया साइट ट्विटर के जरिए अपना पक्ष पेश किया है. गंभीर का कहना है कि कोर्ट की तारीखें उनके रणजी मुकाबलों और बाकी कमर्शियल कामों से टकरा रही थीं जिसके चलते वह कोर्ट में पेश नहीं हो सके और वांरंट जारी हो गया.
गंभीर ने साफ किया कि अदालत में उनके वकील हमेशा हर तारीख पर मौजूद रहते थे और वह कानून का पालन करने के लिए तत्पर हैं. साथ ही उन्होंने यह भी साफ किया कि इस मामले में वह महज एक ब्रैंड एंबेसडर ही थे.
गंभीर ने अपनी ट्वीट्स में यह भी साफ किया कि उन्हें उन निवेशकों के साथ पूरी सहानुभूति है जिनका पैसा इस प्रोजेक्ट में डूब गया.
टीम इंडिया के लिए 58 टेस्ट और 147 वनडे मुकाबले खेलने वाले गौतम गंभीर ने इसी हाल ही में चार दिसंबर को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास का ऐलान किया है.