इंग्लैंड दौरे पर करुण नायर को बिना प्लइंग इलेवन में उतारे, कैरेबयाई सीरीज में टीम इंडिया से बाहर करने पर हुई छीछालेदर के बाद अब बीसीसीआई को चला रही सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी से कुछ ऐसा करने पर विचार कर रही है जिसकी इजाजत बीसीसीआई का संविधान नहीं देता है.
समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रैस में छपी खबर के मुताबिक सोओए की मंशा है कि इस बात पर चर्चा की जाए कि विदेश दौरों पर प्लेइंग इलेवन चुनते वक्त दौरे पर मौजूद सेलेक्टर की राय भी ली जाए. बोर्ड के नियमों के मुताबिक विदेश दौरों पर कोच, कप्तानऔर उपकप्तान को ही प्लइंग इलेवन चुनने के फैसले में शामिल होने का हक हासिल होता है.
करुण नायर के मसले में ऐसा ही हुआ था. हालांकि उस दौरे पर दो सेलेक्टर्स देवांग गांधी और शरणदीप सिंह मौजूद थे लेकिन टीम के साथ शुरू से इंग्लैंड मे रहे करुण नायर की जगह पांचवें टेस्ट में हनुमा विहार को चुना गया गया.
इसके बाद जब नायर को वेस्टइंडीज सीरीज से भी ड्रॉप किया गया तो उनका कहना था मुझसे इंग्लैंड दौरे के दौरान किसी सेलेक्टर ने बात तक नहीं की. अब सीओए की कोशिश है कि ऐसे हालात से बचने के लिए सेलेक्टर्स को भी प्लेइंग इलेवन चुनने मे अधिकार देने पर विचार होना चाहिए.