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क्या लक्ष्मण की तरह चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद भी धोनी से संपर्क नहीं कर पाते!

चीफ सेलेक्टर के दावे के बावजूद धोनी ने किया विजय हजारे ट्रॉफी में ना खेलने का फैसला

FP Staff

हाल ही में सेलेक्शन कमेटी और खिलाड़ियों के बीच संवादहीनता का मसला खूब सुर्खियों में रहा है. करुण नायर और मुरली विजय ने सेलेक्टर्स पर किसी भी तरह का संवाद ना करने के आरोप लगाए थे. और अब पूर्व कप्तान  एमएस धोनी के एक फैसले ने चीफ सेलेक्टर एमएसके प्रसाद के दावे की हवा निकाल दी है.

एमएसके प्रसाद ने दो दिन पहले ही यह दावा किया था कि धोनी और अंबाती रायडू विजय हजारे ट्रॉफी के नॉक आउट राउंड में अपनी-अपनी टीमों के लिए खेलेंगे लेकिन धोनी ने पनी टीम झारखंड के लिए ना खेलने का फैसला किया है.


इस मौजूदा घटना से स्पष्ट हो गया कि चयनकर्ताओं और सीनियर खिलाड़ियों के बीच कोई संवाद नहीं होता. खिलाड़ी अपना कार्यक्रम खुद तय करते हैं.

धोनी पिछले दो साल से बल्लेबाज के तौर पर फॉर्म में नहीं है, उनके महाराष्ट्र के खिलाफ झारखंड का क्वार्टरफाइनल मैच खेलने की उम्मीद थी.

लेकिन पीटीआई के मुताबिक शनिवार को झारखंड के मुख्य कोच राजीव कुमार ने कहा है कि धोनी ने क्वार्टरफाइनल में नहीं खेलने का फैसला किया है.

उन्होंने  कहा ‘धोनी को लगता है कि इस राउंड में टीम से जुड़ना उचित नहीं होगा, क्योंकि टीम ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया है और उनकी अनुपस्थिति में क्वार्टरफाइनल तक जगह बनाई है. वह टीम का संतुलन नहीं बिगाड़ना चाहते.’

ये भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि प्रसाद ने सार्वजनिक घोषणा करने से पहले धोनी से एक बार बात की थी या नहीं.

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने शनिवार को कहा, ‘मैं जानना चाहूंगा कि एमएसके प्रसाद कैसे धोनी से संपर्क करते हैं.’

इससे पहले एक बार वीवीएल लक्ष्मण संन्यास लेने का फैसला लेने से पहले चाह कर भी उस वक्त के कप्तान धोनी से संपर्क नहीं कर सके थे. सवाल है कि क्या चीफ सेलेक्टर भी धोनी के संपर्क नहीं कर पाते हैं.