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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: क्या पाकिस्तान से की जा सकती है टूर्नामेंट जीतने की उम्मीद?

पाकिस्तान का इतिहास खराब है लेकिन वह कभी भी उलटफेर कर सकती है.

Sajid Sadiq

1992 का क्रिकेट वर्ल्डकप कई मायनों में यादगार रहा है लेकिन पाकिस्तानी फैंस के लिए यह एक एतिहासिक दिन था. ये वह टूर्नामेंट था जब पहली बार पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाया कि वह 50 ओवर के फॉर्मेट में भी एक अच्छी टीम है.

1992 में मेलबर्न में इतिहास रचने के बाद पाकिस्तान की टीम वह कमाल दोबारा नहीं दिखा पाई. उस वर्ल्डकप जीतने को जीतने के बाद उसका प्रदर्शन लगातार गिरता ही रहा.


कई खिलाड़ी, अधिकारी आए और गए लेकिन ट्रॉफी उनसे दूर ही रही. इस दौरान पाकिस्तान को कई शानदार बल्लेबाज और गेंदबाज मिले. चैंपियंस ट्रॉफी जो वर्ल्डकप जितना ही महत्वपूर्ण माना जाता है. उसमें भी पाकिस्तान की हालत जस की तस है. अब तक 7 बार चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन हो चुका है लेकिन पाकिस्तान एक बार भी वह नहीं जीत पाया है.

पाकिस्तान की मौजूदा वनडे टीम पर भी कोई अच्छे प्रदर्शन का ज्यादा विश्वास नहीं दिखा रहा है. 2017 की चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान कोई कमाल करेगी इसका यकीन बहुत कम लोगों को है. पाकिस्तान की वनडे रैंकिंग भी ज्यादा अच्छी नहीं है. उसके बाद उसके मुख्य ओपनर शर्जील खान भी स्पॉट फिक्सिंग में फंसकर बाहर हो गए हैं. अब इसके बाद पाकिस्तान को अहमद शहजाद और अजहर अली की जोड़ी पर निर्भर रहना पड़ेगा.

अजहर अली तो कुछ समय पहले तक टीम के कप्तान थे. अब दिक्कत ये है कि दोनों ही खिलाड़ी तेज शुरूआत के लिए नहीं जाना जाते हैं. जिसके लिए दुनिया की बाकी सभी टीमें जानी जाती है. हालांकि पाकिस्तान चयनकर्ताओं ने इसके लिए बैक प्लान भी तैयार किया है. उन्होने घरेलू क्रिकेट में तूफानी बल्लेबाजी करने वाले फार्खर खान को टीम में शामिल किया है. इस बल्लेबाज ने पाकिस्तान कप में सबका ध्यान अपनी और खींचा था.

पाकिस्तान की टीम में एक खिलाड़ी ऐसा है जिसने केवल 26 वनडे बाद ही अपनी जगह टीम में सुरक्षित कर ली है. उस खिलाड़ी का नाम है बाबर आजम. उनके नाम 26 वनडे में ही उनके नाम 5 शतक शामिल है. मोहम्मद हफीज के साथ वह टीम को मजबूती दे सकते हैं. लेकिन अगर पाकिस्तान को अच्छा प्रदर्शन करना है और अपनी बल्लेबाजी को स्थिरता देनी है तो अनुभवी ऑलराउंडर शोएब मलिक को अच्छा प्रदर्शन करना ही होगा.

शोएब मलिक ने पाकिस्तान की तरफ से सबसे ज्यादा 15 चैंपियंस ट्रॉफी के मैच खेले हैं. वह छठी बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे हैं. चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की तरफ से सर्वश्रेष्ठ स्कोर का रिकॉर्ड भी मलिक के नाम है. उन्होने 2009 में भारत के खिलाफ 128 रन की पारी खेली थी. इस बल्लेबाज की मौजूदा फॉर्म भी अच्छी है. पाकिस्तान टीम के कप्तान सरफराज अहमद भी टीम की सफलता में हम योगदान निभा सकते हैं.

पाकिस्तान टीम की बल्लेबाजी पर एक सवालिया निशान जरूर है. सवाल ये हैं कि क्या पाकिस्तान की बल्लेबाजी में इतना दम है कि वह 300 से ज्यादा का स्कोर लगातार बना सके क्योंकि आज की क्रिकेट में ये स्कोर काफी आम माना जाता है. अहमद शहजाद, अजहर अली, बाबर आजम, इमाद वसीम कुछ मैचों में अच्छा खेल सकते हैं लेकिन लगातार उनसे ये प्रदर्शन की उम्मीद नहीं की जा सकती.

पाकिस्तान की गेंदबाजी तो हमेशा की तरह मजबूत और खतरनाक है. वहाब रियाज लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मोहम्मद आमिर एक मैच विजेता गेंदबाज है जो कभी भी अपनी गेंद से तूफान ला सकते हैं. उनका साथ देने के लिए नए स्टार तेज गेंदबाज हसन अली मौजूद है जिन्होने अपनी विविधता से सबको प्रभावित किया है.

एक और तेज गेंदबाज जुनैद खान ने फिर से पाकिस्तान की टीम में वापसी की. जो इंग्लैंड की कंडीशन में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं. हालांकि सबकी नजरें नए लेग स्पिनर शाहदाब खान पर भी होगी, जिन्होने हाल ही में वेस्टइंडीज में अपने करियर की शुरुआत की और अपनी गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया. उनके अलावा इमाद वसीम, शोएब मलिक और मोहम्मद हफीज में स्पिन की बागडोर में अपना योगदान दे सकते हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी की इस पाकिस्तान टीम में कई मैच विनर है लेकिन क्या वक्त आने पर वह अपना जलवा दिखा पाएंगे, इस पर सभी को संदेह हैं. पाकिस्तान की टीम के लिए नामुमकिन कुछ नहीं है क्योंकि पाकिस्तान कभी भी उलटफेर कर सकता है.