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हार के बाद बौखलाए कोहली प्लेइंग इलेवन के सवाल पर पत्रकारों से भिड़े, वीडियो देखें...

सेंचुरियन में हार के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में तीखे सवालों के बाद कप्तान कोहली ने खोया आपा, टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन की साउथ अफ्रीका के भारत में प्रदर्शन से तुलना

FP Staff

साउथ अफ्रीका में सीरीज हार के बाद जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है वह है कप्तान कोहली का प्लेइंग इलेवन को चुनने का फैसला. सेंचुरियन में दूसरे टेस्ट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सवाल उठा तो हार से बौखलाए भारतीय कप्तान विराट कोहली अपना आपा खो बैठे और पत्रकारों से उलझ पड़े.

कोहली से जब मीडियाकर्मियों ने अपनी सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन उतारने और उनकी टीम के विदशों में रिकॉर्ड के बारे में पूछा तो वह उलटे सवाल दागकर भिड़ने के मूड में आ गए.


कोहली से जब पूछा गया कि क्या भारत सेंचुरियन की परिस्थितियों को देखते हुए अपनी सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन साथ खेला तो उनका जवाब था, ‘सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन क्या है?’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर हम यह मैच जीत जाते तो क्या यह हमारी सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन  होती? हम परिणाम के अनुसार अपनी प्लेइंग इलेवन  का फैसला नहीं करते. आप मुझसे यह कह रहे हो आप सर्वश्रेष्ठ प्लेइंग इलेवन  के साथ खेल सकते थे. तुम ही मुझे सर्वश्रेष्ठ एकादश के बारे में बताओ और हम उसको लेकर उतरेंगे.’

प्लेइंग इलेवन के सवाल पर कप्तान ने खोया आपा

भारत ने पहले दो मैचों में अंजिक्य रहाणे के स्थान पर रोहित शर्मा को उतारा. इसके अलावा कुछ अन्य खिलाड़ियों का चयन भी चौंकाने वाला रहा. पहले टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार की जगह इशांत शर्मा को दूसरे टेस्ट में जगह दी गई.

कोहली ने कहा, ‘मैं कह रहा हूं कि हार से निश्चित तौर पर हम आहत हैं लेकिन आप एक फैसला करते हो तो आपको उसका समर्थन करना होता है. हम यहां यह नहीं कह सकते कि तुम एक मैच में नाकाम रहे, तुम इस स्तर पर खेलने के लिये अच्छे नहीं हो. क्या हम भारत में नहीं हारे थे जब हम वहां प्लेइंग इलेवन  के साथ खेले थे?’

कोहली यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा, ‘जिसे भी चुना जाए वह टीम की तरफ से भूमिका निभाने के लिये अच्छा होना चाहिए. इसलिए हम इतनी बड़ी टीम के साथ यहां आए हैं. वे इस स्तर पर खेलने के लिए अच्छे हैं लेकिन आपको सामूहिक प्रदर्शन करने की जरूरत होती है. आप यह नहीं कह सकते कि कौन सी प्लेइंग इलेवन  है. हम पहले भी ऐसी टीमों के साथ खेले हैं जो वास्तव में मजबूत दिखती थी लेकिन हमें हार झेलनी पड़ी थी. ’

कोहली से इसके बाद उनकी कप्तानी में खेले गये हर टेस्ट मैच में अलग टीम उतारने के बारे में सवाल किया गया तथा यह भी पूछा गया कि क्या इतने अधिक बदलाव टीम की हार का कारण है.

साउथ अफ्रीका के भारत में प्रदर्शन से की तुलना

उन्होंने कहा, ‘हम 34 में से कितने टेस्ट मैच जीते हैं? हमने कितने मैच जीते हैं? हमने कितने मैच जीते हैं? 21 जीते हैं . दो हारे हैं. कितने ड्रा रहे? क्या यह मायने रखता है? हम जहां भी खेलते हैं वहां अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं. मैं यहां आपके सवालों का जवाब देने के लिये आया हूं आपसे बहस करने के लिये नहीं आया हूं.’

असल में कोहली गुस्से मे यह आंकड़ा भी भूल गए. उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने 21 नहीं बल्कि 20 टेस्ट जीते हैं और दो की बजाय पांच मैचो में भारत को हार मिली है.

जब यह पूछा गया कि भारत अभी नंबर एक टीम है लेकिन क्या हार के बाद भी कोहली मानते हैं कि वे अब भी सर्वश्रेष्ठ हैं?

कोहली ने कहा, ‘हमें खुद भी यह विश्वास करना होगा कि हम सर्वश्रेष्ठ हैं. यहां तक कि जब हम यहां आये थे तब अगर आपको यह विश्वास नहीं होता कि आप यहां सीरीज जीत सकते हो तो फिर यहां आने का कोई मतलब नहीं था. ’

सउथ अफ्रीका में जीत ना पाने का सवाल भी उन्हें नागवार गुजरा और उन्होंने इस खराब प्रदर्शन की तुलना साउथ अफ्रीका के भारत में प्रदर्शन से कर दी. उन्होंने कहा, ‘हम यहां केवल भाग लेने के लिए नहीं आये हैं. और आपके सवाल का जवाब दूं तो साउथ अफ्रीका ने कितनी बार भारत में अच्छा प्रदर्शन किया है?’

बहरहाल कोहली के इन बौखलाए जवाबों से स्पष्ट है कि उन्हें अपने फैसलों पर जवाब देना मंजूर नहीं है भले ही उनके फैसलों की कीमत टीम इंडिया को साउथ अफ्रीका में सीरीज गंवा कर चुकानी पड़ी हो.

(एजेंसी इनपुटके साथ)