घरेलू क्रिकेट के हाल में किए गए बदलावों से पूर्व कप्तान सौरव गांगुली नाराज नजर आ रहे हैं. बीसीसीआई ने हाल ही में उस नियम में बदलाव किया है जिसके मुताबिक किसी भी खिलाड़ी को एक राज्य से दूसरे राज्य में जाकर क्रिकेट खेलने के लिए वहां एक साल का समय बिताना जरूरी था.
ये बदलाव सरकारी कर्मचारियों के कुछ बाद होने वाले ट्रांसफर की वजह से किया गया. नए नियम के मुताबिक ए शहर में ट्रांसफर होने पर अपने परिजनों के ट्रांसफर से जुड़े दस्तावेज व अन्य कागजी कार्रवाई के बाद उसी साल से नए शहर में घरेलू क्रिकेट खेल सकेंगे.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत के दौरान सौरव गांगुली ने कहा, 'हम हैरान हैं कि बिना किसी प्रकार के विचार विमर्श के ही सीओए ने ये निर्णय ले लिया. ऐसा करना बीसीसीआई के संविधान के खिलाफ है.'
अखबार के मुताबिक अमिताभ चौधरी को लिखे ईमेल में गांगुली ने कहा, 'मैं इस मामले में आपके विचार से पूरी तरह से सहमत हूं. बिना तकनीकी समिति से विचार विमर्श किए ये निर्णय ले लिया गया. यहां तक की तकनीकी समिति के निर्णय को नजरअंदाज का नया नियम पालन में लाया जा रहा है. ये पूरी तरह से अराजकता व अव्यवस्था फैलाने वाला है. ऐसा करना बीसीसीआई के बुनियादी संविधान के भी खिलाफ है. मैं उम्मीद करता हूं कि सीओए संबंधित समिति के महत्व को समझेंगे.