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अब क्रिकेट में लगेगी चौकों-छक्कों पर लगाम, बैट में होंगे ये बदलाव

ऑर्थोपीडिक सर्जन चिन्मय गुप्ते ने बल्ले की डिजाइन पर शोध किया

FP Staff

ब्रिटेन में बसे एक भारतीय सर्जन ने क्रिकेट के बल्ले की डिजाइन पर शोध किया जिसका लक्ष्य गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाना था और अब इस साल एक अक्बटूर से यह इस्तेमाल में लिया जाएगा.

क्रिकेट बैट पर हुआ शोध


खेल चोटों के विशेषज्ञ ऑर्थोपीडिक सर्जन चिन्मय गुप्ते ने लंदन के इम्पीरिल कॉलेज की टीम की अगुवाई की जो क्रिकेट के बल्लों पर शोध कर रही थी.

क्रिकेट बैट में होंगे ऐसे बदलाव

मेरिलबोन क्रिकेट क्लब इस शोध के नतीजे को लागू करने जा रहा है. गुप्ते ने कहा, 'पिछले 30 साल में क्रिकेट में छक्कों की संख्या बढ़ गई है. बल्लों के डिजाइन ही इस तरह के हैं कि गेंद की बजाए बल्ले का दबदबा है. यह नया डिजाइन संतुलन लाएगा.'

नए नियम के तहत बल्ले के किनारे की मोटाई 40 मिलीमीटर से कम होगी और उसकी कुल गहराई 67 मिमी से ज्यादा नहीं हो सकती. पुणे में जन्मे गुप्ते महाराष्ट्र के क्रिकेटर मधुकर शंकर के बेटे हैं और पेशेवर क्रिकेटर हैं जो मिडिलसेक्स और ग्लूसेस्टर के लिए खेल चुके हैं.