पांच जनवरी को भारत के उस महान क्रिकेटर का जन्दिन होता है जिसने क्रिकेट को अपने नवाबी ढंग से खेला. भारत के सबसे युवा कप्तान मंसूर अली खान पटौदी. जानिए उनके जीवन की सभी अहम बातें
1. पटौदी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे युवा कप्तान थे. भारत के लिए 46 टेस्ट खेल चुके पटौदी सबसे सफल कप्तानों में से एक रहे. लंबे समय तक दुनिया के सबसे कम उम्र के कप्तान का रिकॉर्ड उनके नाम रहा, जिसे बाद में तातेंदा ताइबू ने मई2004 में तोड़ा. पटौदी ने 34.91 की औसत से 2793 रन बनाए. उनका सर्वाधिक स्कोर 203 रन (नाबाद) का था. उन्होंने 40 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की थी. उन्हीं की कप्तानी में भारत ने टेस्ट मैच में विदेश में पहली सीरीज (न्यूजीलैंड के खिलाफ) जीती थी
2. मंसूर अली खान के पिता इफ्तिखार अली खान भी एक जाने-माने क्रिकेटर थे. उनकी शिक्षा अलीगढ़ के मिंटो सर्कल में हुई. उनकी आगे की शिक्षा देहरादून (उत्तराखंड) के वेल्हैम बॉयज स्कूल में हुई. उन्होंने हर्टफोर्डशर के लॉकर्स पार्क प्रेप स्कूल और विंचेस्टर स्कूल में भी पढ़ाई की. मंसूर अली खान ने अरेबिक और फ्रेंच ऑक्सफोर्ड के बैलिओल कॉलेज में पढ़ी.
3. वह 1952 से 1971 तक वे पटौदी के नवाब रहे. खान का स्टेट भारत सरकार में 1947 में ही मिल चुका था, परंतु उनका 'नवाब' टाइटल 1971 में खत्म किया गया, जब भारतीय संविधान में संशोधन किया गया.
4. मंसूर अली खान सीधे हाथ के बल्लेबाज और सीधे हाथ के गेंदबाज थे. विंचेस्टर में उन्होंने अपने बल्लेबाजी के जौहर दिखाना शुरू कर दिए थे. वह स्कूल की क्रिकेट टीम के कप्तान थे. उन्होंने पब्लिक्स स्कूल रैकेट्स चैंपियनशिप भी जीती.
5. 16 साल की उम्र में खान ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ससेक्स के लिए डेब्यू किया. ऑक्सफोर्ड के लिए खेलने वाले मंसूर अली खान पटौदी पहले भारतीय क्रिकेटर थे. एक जुलाई 1961 को होव में एक कार एक्सीडेंट में एक कांच का टुकड़ा उनकी आंख में लग गया और उनकी दायीं आंख हमेशा के लिए खराब हो गई. इस एक्सीडेंट के बाद उनके क्रिकेट करियर पर हमेशा के लिए खत्म होने का खतरा मंडरा रहा था, क्योंकि उन्हें दो इमेज दिखाई देने लगी थीं. लेकिन पटौदी जल्दी ही मैदान पर लौटे और एक आंख के साथ ही बेहतरीन खेलने लगे.
6. आंख में खराबी आने के छह महीने से भी कम समय में पटौदी ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की. वह दिल्ली में इंग्लैंड के खिलाफ खेले. मद्रास में अपने तीसरे ही टेस्ट में पटौदी ने 103 रन की पारी खेली. उनके शतक की मदद से भारत इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली सीरीज जीतने में सफल हुआ.
7. 1962 में पटौदी को वेस्टइंडीज दौरे के लिए उपकप्तान बनाया गया. मार्च 1962 में पटौदी भारतीय टीम के कप्तान बने. वह 21 साल और 77 दिन की उम्र में कप्तान बनाए गए. उन्होंने भारतीय क्रिकेट में स्पिन गेंदबाजी के महत्व को उभारा और एक साथ चार-चार स्पिनरों को मैदान में उतारकर क्रिकेट में एक अलग परंपरा को शुरू किया.
8. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह 1993 से 1996 तक आईसीसी मैच रैफरी भी रहे थे, जिसमें उन्होंने दो टेस्ट और 10 वनडे में यह भूमिका निभाई थी.
9. पटौदी की शादी 1969 में अभिनेत्री शर्मिला टैगोर से हुई थी. उनके तीन बच्चों में से सैफ अली खान और सोहा अली खान बॉलीवुड के अभिनेता हैं. टाइगर खुद एक शानदार हैंडसम शख्सियत थे, जिन्हें बॉलीवुड भी बहुत चाहता था. तीसरी सबा अली खान ज्वेलरी डिजाइनर हैं
10. वर्ष 2008 में पटौदी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की संचालन परिषद में भी नियुक्त किए गए थे और दो साल तक इस पद पर बने रहने के बाद उन्होंने बीसीसीआई से इस पद की पेशकश को ठुकरा दिया था.