खेलों में आज के दौर में जहां 30 की उम्र पार करते ही खिलाड़ी के रिटायरमेंट पर बातें होने लगती हैं, वहीं एक दौर कर्नल सीके नायडू जैसे खिलाड़ियों का भी था.
टीम इंडिया के करोड़ों फैंस में से कई भले उनके बारे में ज्यादा न जानते हों, लेकिन हम आपको बता दें कि कर्नल सीके नायडू ही वही शख्स हैं, जिन्हें टीम इंडिया के पहले कप्तान होने का गौरव प्राप्त है. यानी जो विरासत आज धोनी और विराट संभाल रहे हैं, उसकी नींव कर्नल सीके नायडू ने ही रखी थी. 31 अक्टूबर 1895 को महाराष्ट्र के नागपुर में उनका जन्म हुआ था.
मजेदार बात ये है, कि जिस उम्र में खिलाड़ी रिटायरमेंट लेते हैं, उस उम्र में कर्नल को टेस्ट टीम की कमान मिली. इंग्लैंड के खिलाफ जून 1932 में जब उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला, तब उनकी उम्र 37 साल हो चुकी थी. उन्होंने भारत की ओर चार साल में कुल 7 टेस्ट मैच खेले. लेकिन ऐसा नहीं है कि वह इतना खेलते ही रुक गए. उन्होंने अपने जीवन में कुल 207 फर्स्ट क्लास मैच खेले. तो जानते हैं उनके बारे में 10 बड़ी बातें.
1- सीके नायडू भारतीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे. 1932 में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला था.
2- कर्नल नायडू पहले ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने तीन स्लिप और दो गली के साथ मैच की शुरुआत की थी.हालांकि उनके इस प्रयोग की आलोचना भी हुई थी.
3- इन्होंने अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत सिर्फ 7 साल की उम्र में कर दी थी. तब ये अपने विद्यालय में क्रिकेट खेला करते थे, इन्होंने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत 1916 में बॉम्बे ट्रेंगुलर ट्रॉफी में की थी.
4- अपने 7 टेस्ट मैच के करियर में उन्होंने 350 रन बनाए. 207 फर्स्ट क्लास के मैच में उन्होंने दस हजार रन बनाए.
5- 1926 में जब एमसीसी यानी मेरिलबोर्न क्रिकेट क्लब भारत दौरे पर था तब उन्होंने 116 मिनट में 153 रनों की शानदार पारी खेली थी.
6- वो पहले भारतीय क्रिकेटर थे जिन्होंने बॉथगेट लिवर टॉनिक के लिए पहली बार 1941 में करार किया था.
7- 1956 में उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. बाद में उनके नाम से सीके नायडू अवॉर्ड की भी शुरुआत की गई थी.
8- सीके नायडू ने 1958 तक प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला. उन्होंने 68 साल की उम्र में अंतिम बार 1963 में क्रिकेट खेला था.
9- सन 1923 में इंदौर के होल्कर शासक ने उन्हें होल्कर क्रिकेट टीम का कैप्टन बनने के लिए भी आमंत्रित किया था.
10- नायडू ने 50 साल की उम्र में बडौदा के खिलाफ दोहरा शतक जमाया था.