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सुप्रीम कोर्ट से बीसीसीआई को राहत, नहीं होगी आईपीएल के मीडिया राइट्स की ई-नीलामी

जारी रहेगी मीडिया राइट्स की बंद लिफाफे वाली नीलामी की प्रक्रिया, एक सितंबर है दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख, बोर्ड को है 20 हजार करोड़ की कमाई की उम्मीद

Sumit Kumar Dubey

बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है. देश की सबसे बड़ी अदालत ने बोर्ड के मिलियन डॉलर बेबी यानी आईपीएल के मीडिया राइट्स की ई-नीलामी का आदेश देने से इनकार कर दिया है.

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की पिटिशन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मीडिया राइट्स की ई-नीलामी जरूरी नही है और वह इसमें दकल नहीं देगा. स्वामी की दलील थी कि लोढ़ा कमेटी के सुधारों के मद्देनजर बोर्ड के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए मीडिया राइट्स की ई-नीलामी की जाए लेकिन उनकी यह दलील अदालत की नजर में खरी नहीं उतर सकी.


अदालत के इस आदेश के बाद बीसीसीआई अब मीडिया राइंट्स की प्रक्रिया को जारी रख सकेगी. बोर्ड इन राइट्स को तीन वर्गों में बांटा है जिनके भारतीय उपमहाद्वीप के टेलीविजन राइट्स, भारतीय उपमहाद्वीप के डिजिटल राइट्स और बाकी दुनिया के मीडिया राइट्स शामिल हैं.

बोर्ड ने मीडिया राइट्स के लिए टेंडर प्रक्रिया इसी महीने शुरू की थी. अब इसके लिए टेंडर जमा करने की आखिरी तारीख एक सितंबर तय की गई है. बोर्ड पांच सालों के लिए आईआपीएल के मीडिया राइट्स की बिक्री से करीब 20 हजार करोड़ रुपए की आमदनी की उम्मीद है.

एयरटेल , याहू, जियो, ट्विटर, फेसबुक जैसी बड़ी कंपनियां मीडिया राइट्स का दस्तावेज खरीद चुकी हैं. टेलीविजन राइट्स के लिए मुख्या मुकाबला स्टार स्पोर्ट्स और सोनी चैनल के बीच है.

दर्शकों की संख्या में इजाफे और टूर्नामेंट में अधिकांश समय विवाद से दूर रहने के कारण आईपीएल की ब्रांड मूल्य 10वें टूर्नामेंट के बाद बढ़कर पांच अरब 30 करोड़ डॉलर हो गया है. ग्लोबल वैलुएशन एंड कॉरपोरेट फाइनेंस एडवाइजर डफ एंड फेल्प्स ने यह आकलन किया है. डफ एंड फेल्प्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि व्यवसाय के रूप में आईपीएल की कुल कीमत पिछले साल के चार अरब 20 करोड़ डॉलर की तुलना में बढ़कर पांच अरब 30 करोड़ डॉलर हो गई है जिसमें तीन साल का 13.9 प्रतिशत सीएजीआर भी शामिल है