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बीसीसीआई के मीडिया अधिकारों की ई-नीलामी बोली 6032 करोड़ रुपए तक पहुंची

गुरुवार दोपहर तक हो जाएगा मीडिया अधिकार हासिल करने वाले का फैसला

FP Staff

दुनिया के सबसे अमीर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर एक बार फिर पैसों की बारिश होने जा रही है. भारत की अगले पांच साल (2018-2023) में होने वाली घरेलू द्विपक्षीय सीरीज के मीडिया अधिकारों की बोली धीरे-धीरे एक अरब डॉलर के आंकड़े के करीब पहुंच गई है. बड़ी प्रसारण कंपनियों स्टार और सोनी के अलावा जियो के बीच हो रही इस ई-नीलामी के दूसरे दिन मीडिया अधिकारों के लिए अब तक 6032.5 करोड़ रुपए की बोली लगाई जा चुकी है.

वैश्विक समग्र अधिकार (जिसमें भारत और शेष विश्व के प्रसारण के अलावा डिजिटल अधिकार भी शामिल हैं) की बोली में पहले ही बड़ा इजाफा हो चुका है. पिछली बार 2012 में स्टार टीवी ने 3851 करोड़ रुपए की बोली लगाकर अधिकार हासिल किए थे. दूसरे दिन के बाद बीसीसीआई के मीडिया अधिकार की कीमत में 56 प्रतिशत इजाफा हो चुका है, जिसमें प्रत्येक मैच के लिए बोली लगभग 60 करोड़ रुपए (59.6 करोड़) तक पहुंच चुकी है. भारत पांच साल के दौरान तीनों प्रारूपों में 102 मैच खेलेगा. यह पहले ही 2012-2018 के समय के 43 करोड़ रुपए (प्रति मैच) की बोली से 17 करोड़ अधिक है.


दिन की शुरुआत 4442 करोड़ रुपए की शीर्ष बोली के साथ हुई. इसके बाद की शीर्ष बोलियां 4565.20 करोड़, 5488.30 करोड़, 5748 करोड़ रुपए रही. लगभग शाम साढ़े चार बजे बोली 6000 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई और छह बजे की बुधवार की समय सीमा से पहले तक शीर्ष बोली 6032.5 करोड़ रुपए थी.

सभी तीन अब भी दौड़ में बने हुए हैं

नीलामी पर नजर रख रहे बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘यह भारतीय क्रिकेट की ताकत है. यह किसी भी प्रकार की नकारात्मकता, प्रशासनिक गड़बड़ और इससे भी बड़े विवादों का सामना कर सकता है. संभावित बोली लगाने वालों को पता है कि भारत में सिर्फ एक खेल में निवेश करने पर फायदा मिल सकता है. हमें नहीं पता कि सबसे बड़ी बोली किसने लगाई है, लेकिन पैटर्न से संकेत मिलते हैं कि सभी तीन अब भी दौड़ में बने हुए हैं, अगर आप बोली की राशि को देखें तो.’ बीसीसीआई अधिकारियों को उम्मीद है कि गुरुवार दोपहर तक विजेता का फैसला हो जाएगा. अधिकारी ने कहा, ‘ सभी बोली लगाने वालों की अपनी सीमाएं हैं. वे धीरे-धीरे इस सीमा तक पहुंच रहे हैं. अगर यह7000 करोड़ तक पहुंचती है तो भारतीय क्रिकेट के लिए एक और ऐसा वित्तीय करार होगा जो मील का पत्थर साबित होगा.’