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क्रिकेटरों की शिक्षा का नया सिलेबस : लव, सेक्स एंड धोखा फिक्सिंग की ओर पहला कदम

बीसीसीआई ने अपने युवा खिलाड़ियों को हनीट्रैप से बचाने के लिए शिक्षित करने पर अपना जोर और बढ़ाया है

Jasvinder Sidhu

सन 2000 की फिक्सिंग के बाद से इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल यानी आईसीसी ने कई क्रिकेटरों पर प्रतिबंध लगाया और पाकिस्तानी के तीन स्टार क्रिकेटरों के इंग्लैंड में जेल भी हुई. इतना सब कुछ होने के बावजूद खेल में फिक्सिंग का जिन्न पहले से भी बड़ा नजर आ रहा है.

ताजा उदहारण श्रीलंका के स्टार क्रिकेटर चमारा सिल्वा का है जिसे फिक्सिंग के कारण दो साल के लिए इसी महीने प्रतिबंधित किया गया है.


महिलाओं को सहारा बना रहे हैं फिक्सर 

भारत में भी खिलाड़ियों के भ्रष्ट होने से बचाने के लिए कई उपाय किए गए. लेकिन उसके बावजूद 2013 की आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों को दिल्ली पुलिस ने स्पॉट फिक्सिंग के लिए पकड़ा. वह बात अलग है कि कोर्ट ने तीनों को बरी कर दिया.

इन सब मामलों में एक बात सामान्य है. ज्यादातर मामलों में बुकियों ने खिलाड़ियों को फांसने के लिए बला की खूबसूरत औरतों का सहारा लिया. पैसे के लिए काम करने वाली इन पेशेवर युवतियों को एयरहोस्टेस और फिल्मी अदाकारा बता कर क्रिकेटरों से मिलवाया गया. इंसानी फितरत है. शबाब के चक्कर में समझदार भी फंस ही जाते हैं.

शायद इसलिए बीसीसीआई ने अपने युवा खिलाड़ियों को हनीट्रैप से बचाने के लिए शिक्षित करने पर अपना जोर और बढ़ाया है. इसमें बताया गया है कि कैसे बुकियों द्वारा प्लांट खूबसूरत महिलाओं से मेल उनका कैरियर खराब कर सकता है.

बीसीसीआई की नई अधिकारिक हैंडबुक

इसी महीने बीसीसीआई ने गो फाउंडेशन की मदद से क्रिकेटरों के लिए आधिकारिक हैंडबुक तैयार की है जिसे नाम दिया गया है, '100 थिंग्स एवरी प्रोफेशनल क्रिकेटर मस्ट नो' यानी 100 ऐसी बातें जिसे पेशेवर क्रिकेटरों को जरूर जानना समझना और अमल करना चाहिए.

इसमें एक सेक्शन खासतौर पर मैच फिक्सरों और जाल के तौर पर इस्तेमाल की जाने वाली हसीन औरतों के ट्रैप से सावधान करने के लिए भी है.

बीसीसीआई से जुड़े हर क्रिकेटर को भेजी गई इस हैंडबुक के अनुसार, 'बुकी या खेल को भ्रष्ट करने वाले आपसे संबंध बनाने या आप तक पहुंचने के लिए कई  हथकंडे अपनाएंगे. छोटी उम्र में आपको गिफ्ट देकर भविष्य में फिक्सिंग के लिए तैयार करने के अलावा आपके खिलाफ हनीट्रैप का भी इस्तेमाल हो सकता है. इसमें आपको कोई आपको सेक्सुअल फेवर देने के लिए तैयार करके आप को बाद में ब्लैकमेल कर सकता है. ऐसे हालात आपको गलत काम करने के लिए मजबूर और भ्रष्ट कर सकते हैं.'

हैंडबुक ऐसी स्थिति से बाहर निकलने का रास्ता भी सुझाती है. इसमें कहा गया है कि मैच फिक्सिंग करने के लिए अगर आपको कोई धमकाता है तो क्या करना चाहिए.

ऐसी स्थिति में खिलाड़ी, चाहे वह पुरुष हो या महिला, तुरंत ही अपने टीम प्रंबधन या संस्था को सूचित करना चाहिए, चाहे मैच को फिक्स करने को कहने के लिए आपका अपना की कोई खास दोस्त या साथी क्यों न हो.

2013 में की स्पॉट फिक्सिंग में भी था हनीट्रैप

2013 में आईपीएल की स्पॉट फिक्सिंग में भी सामने आया था कि एक आरोपी खिलाड़ी के सामने पहले खूबसूरत लड़की पेश की गई. कुछ समय में दोनों के बीच करीबियां बढ़ी. इसके कुछ समय बाद उसकी ब्लैकमैलिंग हो गई. इसके तुरंत बाद ही अपनी इज्जत और कैरियर को बचाने के लिए वह मैच के बारे में हर जानकारी देने को तैयार हो गया.

बीसीसीआई के अधिकारी भी मानते हैं कि आईपीएल के आने के बाद हनीट्रैप का खतरा काफी बढ़ गया था. लेकिन 2013 की फिक्सिंग के बाद लीग की प्रतिष्ठा को बचाने के लिए देर रात की पार्टियों को बंद कर दिया गया. हालांकि अभी भी कई युवा खिलाड़ी हैं जो खुद को संभालने में काफी कमजोर  हैं. असल में यह हैंडबुक ऐसे सभी क्रिकेटरों के लिए मददगार साबित होगी.