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अगले घरेलू सत्र में भी तटस्थ क्यूरेटर की योजना जारी रखेगा बीसीसीआई

बीसीसीआई ने घरेलू टीम की मनपसंद पिच तैयार करने की रणनीति को विफल करने के लिए तटस्थ क्यूरेटर लाने का विचार शुरू किया था जो सफल रहा

Bhasha

पिछले घरेलू सत्र में सकारात्मक प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर बीसीसीआई आगामी 2018-19 रणजी ट्रॉफी में भी तटस्थ क्यूरेटर रखने के फैसला बरकरार रखेगा, क्योंकि इस कदम से घरेलू राज्य संघों की मनमाफिक पिच तैयार करने की योजना भी विफल हुई है. मुंबई में बुधवार को समाप्त हुए दो दिवसीय सालाना क्यूरेटर सम्मेलन में इस मामले पर चर्चा हुई.

रणजी ट्रॉफी को पिछले साल ही पारपंरिक घरेलू और विपक्षी टीम के मैदान पर मैच कराने के प्रारूप में वापस लाया गया था, लेकिन बीसीसीआई ने घरेलू टीम की मनपसंद पिच तैयार करने की रणनीति को विफल करने के लिए तटस्थ क्यूरेटर लाने का विचार शुरू किया था. बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘ हमें इस बार तटस्थ क्यूरेटर के विचार के बारे में सभी क्यूरेटर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली. खराब और निचले स्तर की पिच के संबंध में मैच रेफरियों से कोई भी विपरीत रिपोर्ट नहीं मिली. इसलिए फैसला किया गया कि तटस्थ क्यूरेटर आगामी घरेलू सत्र में भी जारी रहेंगे.’


एक बड़ा कारण यह भी है कि तटस्थ क्यूरेटर को मेजबान संघ किसी भी तरह के दबाव में नहीं ला सकता. उन्होंने कहा, ‘मेजबान संघ की स्थानीय क्यूरेटर पर मनमाफिक पिच बनाने का दबाव बनाने की प्रवृत्ति अब बीती बात हो गई है. हमें प्रतिक्रिया मिली है कि तटस्थ क्यूरेटर खुद पर किसी भी दबाव को दूर करने में माहिर थे.‘ साथ ही अगर स्थानीय मैदानकर्मी ‘ रैंक टर्नर’ पिच तैयार करने के दबाव में है तो वह तटस्थ अंपायर को हमेशा इसकी शिकायत कर सकता है.’

देश में सभी स्टेडियमों में पानी की बेहतर निकासी व्यवस्था के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी गहन चर्चा की गई. उन्होंने कहा, ‘ सभी स्टेडियमों में चिन्नास्वामी स्टेडियम में सबसे बेहतरीन ड्रेनेज सुविधा है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि सभी बड़े अंतरराष्ट्रीय स्टेडियमों में इसी तरह की पानी की निकासी की व्यवस्था हो जाए. बैठक में ‘ सब-सोइल’ ड्रेनेज के विचार भी चर्चा की गई.’’ इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान बीसीसीआई क्यूरेटरों की टीम की भी प्रशंसा की गई.