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जानिए बिहार के रणजी ट्रॉफी में शामिल होने पर क्यों फंसा है पेंच!

सौरव गांगुली की अगुआई में बोर्ड की टेक्निकल कमेटी ने सिफारिश तो कर दी है लेकिन अंतिम फैसला सीओए को लेना होगा

FP Staff

लंबे वक्त से बीसीसीआई के सिस्टम से बाहर रहने के चलते बिहार के क्रिकेटरों के लिए रणजी ट्रॉफी में खेलने का रास्ता तो खुल रहा है लेकिन उसमें एक पेंच फंस गया है. सौरव गांगुली की अगुवाई वाली बीसीसीआई की टेक्निकल कमेटी ने बिहार को फिर से रणजी ट्राफी में बहाल करने का फैसला तो लिया है साथ पूर्वोत्तर के राज्यों को 2018-19 से इस नेशनल चैंपियनशिप में शामिल करने की सिफारिश की है.

पूर्वोत्तर राज्यों ने पिछले सत्र में बीसीसीआई अंडर-19 टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था क्योंकि बोर्ड उन्हें धीरे धीरे अपनी व्यवस्था में लेना चाहता है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति चाहती थी कि इस सीजन से बिहार को रणजी ट्रॉफी का हिस्सा बनाया जाए, जबकि टेक्निकल कमेटी का मत था कि बिहार को पहले अंडर 16, अंडर-19 जैसी चैंपियनशिप्स के जरिए सिस्टम में सामिल किया जाए. टेक्निकल कमेटी को आशंका है कि अगर बिहार को शामिल किया गया तो फिर पूर्वोत्तर के राज्य इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं. लिहाजा टेक्निकल कमेटी ने अंतिम फैसला सीओए पर छोड़ते हुए पूर्वोत्तर राज्यों की भी सिफारिश कर दी है.


बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने बयान में कहा, ‘तकनीकी समिति ने बिहार को रणजी ट्राफी 2018-19 सत्र में शामिल करने की सिफारिश की है. हालांकि समिति को लगता है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के 18 जुलाई 2016 के फैसले को ध्यान में रखते हुए उत्तर-पूर्व के एसोसिएट और एफिलिएट सदस्यों पर भी विचार किया जाना चाहिए.’