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विनोद राय ने दिया बीसीसीआई को झटका, ई नीलामी के जरिए होगा टेलीकास्ट अधिकारों का फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की कमेटी के फैसले से बीसीसीआई में नाराजगी, ई नीलामी से होगा अगले पांच साल के प्रसारण अधिकारों का फैसला

FP Staff

पिछले साल टेंडर नीलामी के जरिए स्टर इंडिया को 16,347.5 करोड़ रुपए की भारीभरकम कीमत पर आईपीएल के प्रसारण अधिकार बेचने वाली बीसीसीआई टीम इंडिया के घलेली इटरनेशनल मुकाबलों और घरेलू टूर्नामेंट्स के टेलीविजन राइट्स जरिए मोटी कमाई की उम्मीद लगाए बैठी थी.

लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने नीलामी की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए फैसला किया कि मीडिया अधिकार ( प्रसारण और डिजिटल) ई-नीलामी के जरिये किए जाएंगे.


पहले इनका निर्धारण सीलबंद टेंडर प्रक्रिया के तहत किया जाता था जो इस साल आईपीएल में इस्तेमाल की गई थी. ई-नीलामी के 27 मार्च को होने की उम्मीद है.

सीओए के इस फासले के बीसीसीआई में भारी नाराजगी है. हालांकि विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने ज्यादातर नीतिगत फैसले अकेले ही ले लिए हैं और इसके लिये बीसीसीआई की आम सभा बैठक को भी नहीं बुलाया.

एक नाराज सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘हां, हमें एक नोट मिला है जिसमें कहा गया है कि इंटरनेशनल मैचों के लिये बीसीसीआई के मीडिया अधिकार ई-नीलामी प्रक्रिया के जरिये किये जाएंगे. अब इस नोट में इसका जिक्र नहीं किया गया है कि अचानक से यह फैसला क्यों किया गया जबकि बीसीसीआई ने पूर्व प्रक्रिया से आईपीएल अधिकारों के लिए स्टार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से 16,347 करोड़ रूपये का बड़ा करार किया था. परंपरा के अनुसार उन्होंने आम सभा बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई. ’

इन अधिकारों कों तीन कैटेगरी  में बांटा गया है - जो वैश्विक टीवी अधिकार और शेष विश्व डिजिटल अधिकार पैकेज, भारतीय-उपमहाद्वीप डिजिटल अधिकार पैकेज और वैश्विक संयुक्त अधिकार पैकेज हैं.

गुस्साए अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘अब ई-नीलामी के लिये एमजंक्शन को रखने की प्रक्रिया क्या थी, इसकी भी जानकारी नहीं है. वैसे भी सीओए को कुछ सवाल पूछना भी पसंद नहीं है. ’

भारत के इंटरनेशनल और घरेलू मैचों के लिये बीसीसीआई के प्रसारण अधिकार पिछले पांच सालों से  स्टार स्पोर्ट्स के पास थे जो टेस्ट, वनडे और टी20 मैचों के लिए प्रत्येक मैच का 43.2 करोड़ रूपये का भुगतान करता था. देखना होगा कि ई नीलामी से बोर्ड को कितना फायदा हो पाता है.

(एजेंसी इनपुट से साथ)