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मुश्किल में पड़ सकते हैं अनुराग ठाकुर, फैसला 3 जनवरी को

ठाकुर को पाया जा सकता है कि गलत हलफनामा दाखिल करने का दोषी

FP Staff

सुप्रीम कोर्ट में बीसीसीआई और उसके अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के लिए मुश्किले बढ़ती दिखाई दे रही हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है. लेकिन कई ऐसी बातें कही हैं, जो फैसले में तब्दील होने पर बीसीसीआई की मुश्किलें बहुत बढ़ा सकती हैं. अनुराग ठाकुर अदालत मे गलत साक्ष्य देने के मामले में दोषी पाए जा सकते हैं. अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा है. 3 जनवरी को फैसला आ सकता है. 4 जनवरी को चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर रिटायर हो रहे हैं.

अनुराग ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) से पत्र लिखने को कहा, जिससे ये साबित किया जा सके कि आईसीसी बाहरी हस्तक्षेप का विरोध कर रहा है. बाहरी हस्तक्षेप से मतलब लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू करने से है.


सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों के पैनल ने बीसीसीआई से एक सप्ताह के अंदर नामांकित लोगों की लिस्ट देने को कहा है. लोढ़ा पैनल ने अपनी तीसरी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि ठाकुर और अन्य शीर्ष पदाधिकारियों को हटाया जाए, क्योंकि वे पैनल की सिफारिशें लागू करवा पाने में नाकाम हैं. चीफ जस्टिस ने बीसीसीआई के वकील कपिल सिब्बल से कहा कि हर स्टेज पर आपके क्लाइंट ने बाधा डालने का काम किया है. क्या उन्हें इस पद पर रहने का अधिकार है? क्या अवमानना के लिए सभी बोर्ड सदस्यों को हटा देना चाहिए?

चीफ जस्टिस ने कहा, ‘अगर आप बचना चाहते हैं, तो पूरी तरह गलती स्वीकार करनी चाहिए. आप आईसीसी जाते हैं और उनसे पत्र मांगते हैं, ताकि आप आकर कह सकें कि बीसीसीआई को आईसीसी अलग कर देगा. ये सारी बातें अदालत के काम में बाधा पहुंचाने वाली हैं. लोगों के लिए ये फायदे का सौदा हो गया है कि वे 70 साल के बाद भी पदों पर बने रहें.’

17 अक्टूबर को अदालत की कार्यवाही के दौरान अनुराग ठाकुर ने हलफनामा दाखिल किया था. उनसे सात अक्टूबर को ऐसा करने के लिए कहा गया था. ठाकुर ने हलफनामे में आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर के साथ अपनी बातचीत का ब्यौरा दिया था. उन्होंने इन आरोपों का खंडन किया था कि वे लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को सरकारी दखल के तौर पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.

अनुराग ठाकुर के लिए बीसीसीआई अध्यक्ष पद पहले ही खतरे में है. अगर उनके हलफनामे को गलत पाया गया, तो उनकी मुश्किलें बहुत बढ़ सकती हैं.