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टेलीकास्ट राइट्स: क्या आईपीएल की तरह इस बार भी भरेगी बीसीसीआई की तिजोरी!

27 मार्च को ई-नीलामी के जरिए होगा अगले साल के लिए भारत में होने वाले टीम इंडिया के मुकाबलों के प्रसारणकर्ता फैसला

Sumit Kumar Dubey

अगले पांच साल के लिए आईपीएल के मीडिया राइट्स 16 हजार करोड़ रुपए की भारी-भरकम रकम में बेच कर अपनी झोली भरने वाली बीसीसीआई अब एक बार फिर से करोड़ों की रकम की उम्मीद लगाए बैठी है. इसी महीने यानी 27 मार्च को अगले पांच साल के लिए भारत में खेले जाने वाले टीम इंडिया के सभी इंटरनेशनल मुकाबलों और रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू मुकाबलों के टेलीकास्ट राइट का फैसला होना है.

आईपीएल के लिए जिस तरह से ब्रॉडकास्ट मार्केट के बड़े खिलाड़ियों ऊंची बोली लगाई उसे देखते बोर्ड के टेलीकास्ट राइट पर भी बड़ी कीमत में बिकने के कयास लगाए जा रहे हैं लेकिन सवाल यह है क्या वाकई में भारतीय बीसीसीआई को उतनी कीमत मिल पाएगी जितना वह उम्मीद लगाए बैठी है.


इससे पहले पिछले पांच साल से बीसीसीआई के टेलीकास्ट राइट स्टार स्पोर्ट्स के पास थे. स्टार इंडिया बोर्ड को हर मुकाबले के लिए  43 करोड़ रुपए का भुगतान करता था. इस बार बोर्ड ने हर मैच की बेस प्राइस इससे कम रखी है.  टेलीविजन राइट्स के लिए एक बार फिर से स्टार इंडिया और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क के बीच मानी जा रही है.

क्या स्टार इंडिया फिर खेलेगा बड़ा दांव!

आईपीएल के मीडिया राइट्स के लिए स्टार इंडिया ने 16 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम का दाव खेलकर सबको चौंका दिया था. लेकिन क्या स्टार इंडिया इन राइट्स के लिए भी इतनी बड़ी राशि देने को तैयार होगा? 2012 में स्टार इंडिया ने 3,851 करोड़ रुपए में पांच साल के लिए राइट्स खरीदे थे यानी हर मैच के लिए 43 करोड़ रुपए. तब हालात जुदा थे.

उस वक्त स्टार इंडिया को भारतीय स्पोर्ट्स बाजार में अपने पांव जमाने थे. लेकिन अब हालात जुदा है. स्टार के पास आईपीएल के अलावा कबड्डी लीग, इंडियन सुपर लीग और आईसीसी के राइट्स भी मौजूद हैं. यानी स्टार की झोली भरी हुई है.

सोनी पर टिकी हैं बोर्ड की उम्मीद

स्टार इंडिया के कंपटीटर सोनी नेटवर्क पर ही बीसीसीआई की उम्मीद टिकी हुई है. आईपीएल के मीडिया राइट्स गंवाने के बाद सोनी भारतीय क्रिकेट में अपना दखल रखना जरूर चाहेगा.

हालांकि सोनी के पास साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, श्रीलंका और जिम्बाबावे के क्रिकेट राइट्स मौजूद हैं. इसके अलावा उसके पास फीफा और स्पेन की फुटबॉल लीग ला लीगा और डब्ल्यू डब्ल्यू ई के राइट्स भी हैं.

यानी सोनी के पास अगर कुछ नहीं है तो वह हैं भारत में क्रिकेट के राइट्स. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक सोनी के टॉप लेवल के एक अधिकारी का कहना है कि अगर उन्हें भारत में क्रिकेट के राइट्स मिल जाते हैं तो क्रिकेट में सोनी का एकाधिकार हो जाएगा जो नेटवर्क के विस्तार में काफी काम आएगा.

ये भी है रेस में

स्टार और सोनी के अलावा गूगल, फेसबुक, अमेजन, रिलायंस जियो और डी स्पोर्ट्स ने भी टेलीकास्ट राइट के डॉक्यूमेंट खरीदे हैं. इनमें से डी स्पोर्ट्स के अलावा बाकी कंपनियों की दिलचस्पी इंटरनेट राइट्स में ही होगी लिहाजा एक कयास यह भी है कि डी स्पोर्ट्स इनमें से किसी कंपनी के साथ मिलकर संयुक्त रुप से बोली लगाए.

इस बार बोर्ड ने टेलीविजन प्रसारण के लिए 33 करोड़ प्रति मैच और डिजिटल प्रसारण के लिए सात करोड़ की कीमत रखी है. पूरे पांच सालों में करीब 100 मैचों का प्रसारण होना है.

इसी बस प्राइस प्राइस पर ई नीलामी के जरिए विजेता का फैसला होना है. बीसीसीआई चाहती थी कि इन अधिकारों की नीलीमी भी आईपीएल की ही तरह सीलबंद लिफाफे की लिफाफे के जरिए कराना चाहती थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासको की समिति यानी सीओए ने इसे ई नीलामी की प्रक्रिया में बदल दिया.

देखना होगा कि क्या ई नीलामी बोर्ड के लिए घाटे का सौदा साबित होती हा या मुनाफे का.