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बीसीसीआई कॉन्क्लेव : घरेलू कोचों ने रखी तनख्वाह बढ़ाने की मांग

खिलाड़ियों की शिकायत, अंपायरिंग का स्तर और एसजी वाइट बॉल की क्वॉलिटी बहुत खराब

FP Staff

घरेलू क्रिकेट में सुधार के लिए बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) ने मुंबई में कॉन्क्लेव आयोजित किया. इसमें घरेलू टीमों के कप्तानों और कोचों ने हिस्सा लिया और अपने-अपने सुझाव बीसीसीआई को सौंपे. जब से बीसीसीआई ने राष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेटरों के वेतन में इजाफा किया है घरेलू टीमों के कोचों के बीच इसको लेकर सुगबुगाहट है. घरेलू टीमों के कोचों ने भी अपनी तनख्वाह में बढ़ोतरी की मांग की है. साल में एक बार होने वाले इस कार्यक्रम में अंपायरिंग पर सवाल उठाए गए और गेंद की क्वॉलिटी की भी शिकायत की गई.

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार घरेलू खिलाड़ियों के वेतन में 200 प्रतिशत की बढ़ोतरी के बाद घरेलू कोचों ने भी स्पेशल पे पैकेज की मांग रखी है. हालांकि इस बीच खिलाड़ियों और कोचों के भुगतान को लेकर शिकायत भी मिली थीं. जिस पर बीसीसीआई के सीइओ राहुल जौहरी ने कहा कि भुगतान की समस्या जल्द सुलझा ली जाएगी. फिर भी कुछ कोचों ने शिकायत की है कि उन्हें करीब दो साल से डेली एलाउंस नहीं मिला है.


अंपायरिंग के स्तर की शिकायत

खिलाड़ियों ने कहा कि घरेलू क्रिकेट में अंपायरिंग का स्तर खराब हो रहा है. खिलाड़ियों की शिकायत का जिक्र करते हुए बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, ‘ज्यादातर कप्तान और कोचों ने अंपायरिंग के स्तर की शिकायत की. मैचों के दौरान कई विवादास्पद फैसले दिए गए. भारतीय अंपायरों के स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केवल सुंदरम रवि ही एलीट पैनल में शामिल हैं.’ हालांकि, बीसीसीआई अधिकारियों ने माना कि अंपायर भी मानव हैं और उनसे गलतियां हो सकती हैं. कुछ ने घरेलू मैचों के दौरान डीआरएस के इस्तेमाल का अनुरोध भी किया, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया.

कूकाबूरा गेंद के इस्तेमाल की मांग

सीमित ओवरों के मैच में इस्तेमाल की जानेवाली एसजी वाइट गेंद की भी शिकायत की गई. खिलाड़ियों ने कहा कि उसकी क्वॉलिटी ठीक नहीं है. भारत में प्रथम श्रेणी मैचों और टेस्ट मैचों में एसजी ब्रांड की गेंदों का इस्तेमाल होता है, जबकि सीमित ओवरों के मैच कूकाबूरा गेंद से खेले जाते हैं. हालांकि बीसीसीआई ने इस सत्र में प्रयोग के तौर पर मुश्ताक अली टी-20 और विजय हजारे ट्रॉफी में एसजी वाइट का इस्तेमाल किया गया था. एसजी टेस्ट ब्रांड की गेंद भारत में ही बनती हैं और ये कूकाबूरा से सस्ती भी होती हैं. आंध्र प्रदेश के कोच सनत कुमार ने कहा कि जब सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों में कूकाबूरा का इस्तेमाल होता है तो सभी प्रमुख घरेलू टूर्नामेंट भी उसी से क्यों नहीं खेले जाते.