भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी ने गुरुवार को इसकी घोषणा की. माना जा रहा है कि बीसीसीआई के तमाम अधिकारी कुंबले से खुश नहीं हैं. इसकी वजह है कि अनिल कुंबले लगातार मुखर हैं और उन्होंने इस बीच खिलाड़ियों के हितों को लेकर भी बीसीसीआई पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की है. इन सारी वजहों से अब नए कोच की तलाश शुरू की जा रही है.
अनिल कुंबले का कोच के तौर पर कार्यकाल चैंपियंस ट्रॉफी के बाद खत्म हो रहा है. हालांकि बीसीसीआई कार्यकाल बढ़ा सकती थी. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया है. उसने नए कोच की नियुक्ति के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है. हालांकि, कुंबले इस प्रक्रिया में सीधे तौर पर प्रवेश करेंगे. बीसीसीआई सूत्रों के हवाले से ये भी कहा गया है कि ये मानना ठीक नहीं कि कुंबले नहीं रहेंगे. वो आवेदन करके फिर से कोच बन सकते हैं.
भारतीय टीम के कोच पद की नियुक्ति में पारदर्शिता के लिए प्रशासक समिति द्वारा चुना गया अधिकारी क्रिकेट सलाहकार समिति के साथ मिलकर इस प्रक्रिया पर निगरानी रखेगा.क्रिकेट सलाहकार समिति कमेटी में सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और सौरव गांगुली शामिल हैं. पद के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मई 2017 है.
अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच एक साल के लिए बनाया गया था. क्रिकेट सलाहकार कमेटी ने ही अनिल कुंबले को कोच बनाया था. भारत ने कुंबले के कोच रहते घरेलू सत्र में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 13 में से 10 टेस्ट जीते, दो ड्रॉ खेले और सिर्फ एक गंवाया. इसके अलावा वेस्टइंडीज में टेस्ट श्रृंखला भी जीती.
हालांकि खिलाड़ियों के भुगतान में बढ़ोतरी को लेकर उनका रवैया बीसीसीआई को रास नहीं आया. सबसे हैरानी की बात यह है कि ऐसे समय में नए आवेदन मंगवाए गए हैं जब टीम चैंपियंस ट्रॉफी खेलने इंग्लैंड पहुंची ही है.
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है, ‘कुंबले अपने और खिलाड़ियों के वेतन में इजाफे की बात कर रहे हैं. कोई बात नहीं. लेकिन अगर बीसीसीआई उनकी जगह किसी और को नियुक्त करता है तो वह ऐसा नहीं कर पाएंगे. उनकी कुछ मांगें तो समझ से परे हैं.’ बोर्ड इस बात से भी खफा है कि कुंबले ने कप्तानी का अतिरिक्त बोझ लेने वाले विराट कोहली के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त कप्तानी फीस की मांग की है. उन्होंने मुख्य कोच होने के नाते चयन समिति में जगह की भी मांग की है. उनकी यह मांग लोढ़ा समिति की सिफारिशों के खिलाफ है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि चयन समिति में तीन ही सदस्य होंगे.