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केविन पीटरसन ने कहा, टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए डे-नाइट फॉर्मेट जरूरी

जज्बातों से भरे पटौदी लेक्चर में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान ने किया क्रोनिए का जिक्र

Bhasha

भारत भले ही डे-नाइट टेस्ट खेलने को लेकर सहज नहीं हो, लेकिन इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन ने मंगलवार को कहा कि क्रिकेट के इस पारंपरिक प्रारूप को बचाने का एकमात्र यही तरीका है. एमएके पटौदी लेक्चर में संबोधित करने वाले पहले विदेशी खिलाड़ी पीटरसन ने कहा, ‘ यदि हम चाहते हैं कि क्रिकेटर पांच दिवसीय क्रिकेट खेले तो हमें उन्हें अच्छे पैसे देने होंगे. हम उन्हें कैसे दें. इसके लिए टेस्ट क्रिकेट में बदलाव की जरूरत है. पांचों दिन रोमांच हो.’

उन्होंने कहा, ‘ डे-नाइट के मैचों ने दिखाया है कि कैसे उतार-चढाव आ सकते हैं. आईपीएल उस समय नहीं खेला जाता जब उसके धुर प्रशंसक काम पर रहते हैं. टेस्ट क्रिकेट में भी ऐसा ही होना चाहिए.’  उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट की मार्केटिंग बेहद जरूरी है. पीटरसन ने कहा कि सीमित ओवरों के क्रिकेट की बजाय सफेद जर्सी में खेलने के दौरान अनमोल यादें बनती हैं. उन्होंने कहा, ‘ हर खिलाड़ी कई वनडे मैच खेलता है, लेकिन जब हम उनकी असाधारण उपलब्धियों की बात करते हैं तो टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन ही ध्यान में आता है.’


मैच फिक्सिंग प्रकरण ने उनकी जिंदगी तहस नहस कर दी और उनकी मौत भी एक अनसुलझी गुत्थी रही, लेकिन साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिए को केविन पीटरसन ने दिग्गजों की श्रेणी में रखा. पीटरसन ने टेस्ट क्रिकेट की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए अपने संबोधन में कहा, ‘ सचिन तेंदुलकर, शेन वार्न, मैल्कम मार्शल, स्टीव वॉ, रिचर्ड हैडली, कपिल देव. महान लेकिन विवादास्पद दिवंगत हैंसी क्रोनिए भी.’

क्रोनिए ने 2000 में स्वीकार किया था कि कुछ और खिलाड़ियों के साथ मिलकर उन्होंने मैच फिक्स करने के लिए पैसा लिया था. दो साल बाद उनकी विमान दुर्घटना में मौत हो गई, लेकिन आज तक अटकलें लगाई जाती है कि साउथ अफ्रीका में सटोरियों के गिरोह ने उनकी हत्या कराई है ताकि आगे वह कोई और खुलासा नहीं कर सकें.