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क्या एक महिला पत्रकार की अधिकारी के पद पर नियुक्ति ही है बीसीसीआई में विवाद की वजह

बोर्ड के सैक्रेटरी अमिताभ चौधरी ने एक बार फिर जनरल मैनेजर के पद पर महिला पत्रकार की नियुक्ति की फाइल पर दस्तखत करने से किया मना

FP Staff

दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई में टॉप लेवल के अधिकारियों और सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति के बीच विवाद जैसे बढ़ता जा रहा है. बोर्ड के एक्टिंग सैक्रेटरी  अमिताभ चौधरी ने बोर्ड की मार्केटिंग और मीडिया डिपार्टमेंट के नए जनरल मैनेजर के पद पर सीओए द्वारा नियुक्त की गई प्रिया गुप्ता की फाइल पर दस्तखत करने से एक बार फिर मना कर दिया है.

1.6 करोड़ रुपए सालाना के पैकेज पर हुई प्रिया गुप्ता की नियुक्ति पर अमिताभ चौधरी पहले भी दस्तखत करने से इनकार कर चुके हैं. उनका तर्क है कि इस सलेक्शन में पारदर्शिता का पालन नही किया गया है. द टेलीग्राफ में छपी खबर के मुताबिक बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी ने जब दोबारा अमिताभ चौधरी से प्रिया गुप्ता की फाइल पर दस्तखत करने को कहा तो उन्होंने इससे इनकार करते हुए एक लंबी चिट्ठी लिख दी है.


इस चिट्ठी में उन्होंने सिलसिलेवार तरीके से लिखा है कि किस तरह से लोढ़ा कमेटी की सिफारिशो के प्रतिकूल जाकर अपारदर्शी तरीके से यह गैरजरूरी नियुक्ति की गई है. इस चिट्ठी में अमिताभ चौधरी ने बतौर पत्रकार प्रिया गुप्ता द्वारा की गई कुछ स्टोरीज के लिंक भी चस्पा किए हैं.

इस चिट्ठी से पता चलता है कि बोर्ड में ऊपरी स्तर पर अधिकारियों के बीच अविश्वास किस कदर बढ़ गया है. गुरुवार को तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को मैच फिक्सिंग के आरोपों से बरी करने के मीडिया रिलीज की जानकारी भी बोर्ड के अधिकारियों को नहीं दी गई. यही नहीं बोर्ड की एंटी करप्शन यूनिट के मुखिया नीरज कुमार की इस जांच रिपोर्ट को भी बोर्ड ने इन अधिकारियों से दूर रखा गया है.