इसी साल मार्च में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट में एक तूफान आया था, जिसकी तेज हवाएं अभी तक उनके बोर्ड को हिला रही है. साउथ अफ्रीका के खिलाफ मार्च में केपटाउन टेस्ट में तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और बेनक्रॉफ्ट के फंसने के बाद पूरी दुनिया में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की साख दांव पर लग गई थी, जिसके बाद से ही क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया बोर्ड के उंचे पद पर बैठे पदाधिकारियों के जाने का सिलसिला शुरू हो गया था. पहले टीम के कोच, फिर मुख्य कार्यकारी जेम्स सदरलैंड और उनके बाद चेयरमैन डेविड पीवर अपना पद छोड़ चुके थे और अब पूर्व टेस्ट कप्तान मार्क टेलकर ने बोर्ड के निदेशक पद से इस्तीफा देकर संस्था को बॉल टेंपरिंग से हुई क्षति से उबरने के लिए नए सिर से कदम उठाने का मौका दे दिया है. हालांकि टेलर को पिछले सप्ताह ही पीवर का संभावित उत्तराधिकारी माना जा रहा था.
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने रिलीज जारी कर बताया कि टेलर ने 13 साल तक बोर्ड को अपनी सेवाएं दी. पहली नियुक्ति सितंबर 2004 से सितंबर 2012 तक हुई थी और जून 2013 में उन्हें वापस नियुक्त किया गया था. टेलर ने हालांकि हितों के टकराव का हवाला देते हुए खुद को इस दौड़ से अलग कर दिया. उन्होंने कहा कि मैं काफी सोच विचार करने और विशेषकर खेल के सर्वश्रेष्ठ हित में इस फैसले पर पहुंचा. उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में हुई घटना ने क्रिकेट की दुनिया को हिलाकर रख दिया, जिसके हमारे खेल को नुकसान हो रहा है. स्मिथ, वॉर्नर और बैनक्रॉफ्ट पर आरोप लगने के बाद मैनें क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और खिलाडि़यों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए कड़ी मेहनत की. टेलर ने कहा कि मेरे इस फैसले से क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन को नए सिरे से शुरुआत करने का मौका देने का सही समय है.