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इंग्लैंड ने अपने पैरों पर कुल्हाड़ी तो नहीं मार ली?

ब्रिटिश मीडिया का विराट को निशाना बनाना समझदारी नहीं

FP Staff

कुछ दिनों पहले एक ब्रिटिश अखबार ने विराट कोहली पर बॉल टेंपरिंग का आरोप जड़ दिया था. अखबार का दावा था कि राजकोट टेस्ट में विराट के मुंह में कुछ था, जो उन्होंने गेंद पर रगड़ा.

हालांकि खबर विशाखापत्तनम टेस्ट के खत्म होने के आसपास आई. आईसीसी ने इसे अहमियत नहीं दी. विराट ने भी मोहाली टेस्ट से एक दिन पहले इस पूरी घटना को हंसी में उड़ा दिया. लेकिन जब वह टेस्ट में खेलने उतरेंगे, तब क्या उनके दिमाग में घटना होगी?


स्टार खिलाड़ी पर निशाना साधने के लिए कुख्यात

ब्रिटिश और ऑस्ट्रेलियन मीडिया हमेशा विपक्षी टीम के स्टार खिलाड़ी पर निशाना साधने के लिए कुख्यात रहे हैं.

माना यही जाता है कि टेस्ट का मतलब हर लिहाज से चुनौती देना होता है. विराट पर निशाने को भी इसी तरह देखा जा सकता है. लेकिन विराट जिस तरह के खिलाड़ी हैं, वे इसे चुनौती की तरह ले सकते हैं.

‘टिपिकल दिल्लीवाला’

विराट को वैसे भी ‘टिपिकल दिल्लीवाला’ कहा जाता है, जिसको ईंट का जवाब पत्थर से देना अच्छा लगता है. विराट को अगर आप कुछ कहेंगे, तो ऐसी उम्मीद तो मत कीजिए कि सामने से जवाब नहीं आएगा.

अब उन्होंने मुंह से ज्यादा बल्ले से जवाब देना शुरू किया है. ऐसे में अगर ब्रिटिश मीडिया की खबर रणनीति के तौर पर थी, तो वो भारी पड़ सकती है.

एक रोज पहले ही हमने फाफ ड्यूप्लेसी की पारी देखी ही है. ड्यूप्लेसी को आईसीसी ने बॉल टेंपरिंग का दोषी पाया था.

इसके बाद वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले और 118 रन बनाकर नॉट आउट रहे. कुछ ऐसा ही विराट ने किया, तो वाकई  इंग्लैंड के लिए भारी पड़ेगा.

हंसी में उड़ाया

अच्छी बात यह है कि टीम इंडिया ने इस मामले को तूल नहीं दिया है. कोच अनिल कुंबले और विराट, दोनों ने ही इसे हंसी में उड़ाया है.

लेकिन दिल्ली के एक और क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने जरूर इसका जवाब दिया है. सहवाग ने कहा है कि जो टीम हारती है, वो इस तरह के मुद्दे उठाती रहती है. उन्होंने कहा कि टीम ने मुद्दा नहीं उठाया, तो वहां की मीडिया ने उठा दिया. हमें हार को स्वीकार करना आना चाहिए.

शानदार प्रदर्शन

इस तरह के तमाम उदाहरण हैं, जब मुश्किल में क्रिकेटरों ने कुछ अलग स्तर पर जाकर प्रदर्शन किया है. इसमें आरोपों के अलावा चोट या बीमारी की हालत में किए प्रदर्शन शामिल हैं.

स्टुअर्ट ब्रॉड ने ही विशाखापत्तनम टेस्ट में चोट के साथ एक बेहतरीन स्पैल किया था. टीम इंडिया के कोच अनिल कुंबले जबड़ा टूटने के बाद भी वेस्ट इंडीज में गेंदबाजी करने उतरे थे.

वहां उन्हें शारीरिक दिक्कतों से पार पाकर खेलना था. यहां विराट पर मानसिक तौर पर हमला हुआ है. इस तरह के हमलों का विराट ने हमेशा जवाब दिया है. इस बार देंगे या नहीं, इसके लिए मोहाली टेस्ट शुरू होने का इंतजार करना होगा.

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