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बॉल टेंपरिंग के लिए मजबूर होने पर बेनक्रॉफ्ट को हमारे पास आना चाहिए था- कोच लीमन

बेनक्रॉफ्ट ने कहा कि यदि वह वॉर्नर का सुझाव नहीं मानते तो उन्हें लगता कि उन्होंने टीम के हित से ऊपर अपने हित को रखा

FP Staff

नौ महीने से बॉल टेंपरिंग को लेकर बैन झेल रहे युवा बल्लेबाज कैमरन बैनक्रॉफ्ट का बैन इस महीने के बाद खत्म हो जाएगा. नौ महीने में पहली बार उन्होंने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए पूरे विवाद को लेकर अपनी बात सामने रखी. बेनक्रॉफ्ट ने कहा कि डेविड वॉर्नर के कहने पर वो टेंपरिंग के लिए तैयार हुए थे. हालांकि बेनक्रॉफ्ट के बयान पर उस समय ऑस्ट्रेलियन टीम के कोच रहे डैरेन लीमन ने नाराजगी जताई है. लीमन ने कहा है कि अगर वॉर्नर ने बेनक्रॉफ्ट से ऐसा कहा था, तो उन्हें मेरे पास आना चाहिए था.

बेनक्रॉफ्ट ने अपने बयान में कहा था, ‘डेविड वॉर्नर ने मुझे मैच के बीच में ऐसा करने के लिए उकसाया और हम जिन हालात में थे, मैं ऐसा करने के लिए तैयार हो गया.’ उन्होंने कहा, ‘मैं टीम में अपनी उपयोगिता साबित करना चाहता था.’


बेनक्रॉफ्ट ने कहा, ‘इसके लिए मैं भी जिम्मेदार हूं क्योंकि उस समय मुझे वही ठीक लगा. मैंने इस गलती की भारी कीमत चुकाई. मेरे पास विकल्प था और मैंने भारी गलती की.’ बेनक्रॉफ्ट ने कहा कि यदि वह वॉर्नर का सुझाव नहीं मानते तो उन्हें लगता कि उन्होंने टीम के हित से ऊपर अपने हित को रखा. उनके इस बयान के बाद ऑस्ट्रेलियाई कोच ने कहा कि बेनक्रॉफ्ट को उनके पास आना चाहिए था.

डैरेन लीमन ने फॉक्स स्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान कहा, 'जब डेविड वॉर्नर ने बेनक्रॉफ्ट को बॉल टैंपरिंग करने की बात कही तो वो मेरे पास आ सकता था. उसे मेरे पास आना चाहिए था. अंत में मैं ये ही कहूंगा कि ये एक बड़ी गलती थी. बहुत सारे लोगों को इसके कारण किसी न किसी रूप में हर्जाना चुकाना पड़ा. हमें पता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, लेकिन ऐसा हुआ.'