जकार्ता में भारत को एक सफलता ऐसे खेल में भी मिली, जिसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा. यहां भारत को पदक की उम्मीद कितनी थी, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि एशियन गेम्स में हिस्सा लेने के लिए टीम की एक खिलाड़ी को तो दिल्ली हाईकोर्ट तक का दरवाजा खटखटाना पड़ गया था. वर्षा गौतम और और श्वेता शेरवेगर ने सेलिंग में 49 एफएक्स इवेंट में भारत को सिल्वर मेडल हासिल करके सबस को चौंका दिया था.
लेकिन क्या आपको पता है कि जब एशियाड में उनको टक्कर देने वाले तमाम सेलर्स अपन तैयारियों में जुटे थे तब यह जोड़ी एशियाड में भाग लेने कि अदालत का दरवाजा खटखना में लगी थी.
जी हां, एशियाड में सिल्वर मेडल लाने वाली इस ज़ी की वर्षा गौतम को यॉचिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इस इवेंट की टीम में ही शामिल नहीं किया था. वर्षा की जगह मध्यप्रदेश की एकता को टीम में जगह दी गई थी. इस बीच वर्षा ने एशियन चैंपियनशिप जीत ली जिसके बाद उन्होंने टीम के लिए अपान दावा पेश किया जिसे फेडरेशन ने ठुकरा दिया था.
एशियाड में भाग लेने के अपने हक को हसिल करने के लए वर्षा ने दिल्ली हाइकोर्ट का के दरवाजे पर दस्तक दी और अदालत के आदेश के बाद ही उन्हें एशियाड का टिकट हासिल हुआ जिसे उन्होंने सिल्वर मेडल मे तब्दील करने में कामयाबी हासिल की है.