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Asia Cup 2018, India vs Hongkong: निगाहें हॉन्गकॉन्ग पर तो निशाना पाकिस्तान पर होगा!

18 सितंबर को हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ मुकाबले के अगले ही दिन होगी टीम इंडिया की पाकिस्तान के साथ टक्कर

FP Staff

कुछ वक्त पहले जब एशिया कप का शेड्यूल जारी हुआ था जिस बात पर सबसे ज्यादा हंगामा मचा था वह था टीम इंडया का शेड्यूल. भारतीय टीम को 19 सितंबर को आर्च राइवल पाकिस्तान से भिड़ने से पहले प्रैक्टिस के लिए एक दिन का भी वक्त नहीं दिया गया था. पाकिस्तान के साथ भिड़ंत से ठीत एक दिन दिन पहले यानी 18 सितंबर को भारत का मुकाबला हॉन्गकॉन्ग के साथ है.

बीसीसीआई की ओर से कोशिश तो हुई थी कि भारत का शेड्यूल बदलवा दिया जाए लेकिन ऐसा हो ना सका और ऐसे में अब टीम इंडिया की कोशिश इस मुकाबले को पाकिस्तान के खिलाफ महामुकाबले से पहले प्रैक्टिंस मैच के तौर पर बदलने की होगी. यानी मैच तो हॉन्गकॉन्ग से ही होगा लेकिन तैयरी पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले की होगी.


भारत की मजबूत टीम मंगलवार को कमजोर माने जाने वाले हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ उतरेगी तो उसकी नजरें बुधवार को चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले बहुप्रतीक्षित मुकाबले की तैयारी पर टिकी होंगी.

भारत-पाक की प्रतिद्वंद्विता से पहले हॉन्गकॉन्ग मैच भारतीय प्रशंसकों के लिए ट्रेलर की तरह होगा.

रोहित की कप्तानी में उतरेगी टीम इंडिया

नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी के बावजूद रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम वनडे फॉर्मेट  में काफी मजबूत है लेनिन फिर भी रोहित और उनकी टीम हॉन्गकॉन्ग को हल्के में नहीं लेना चाहेगी क्योंकि उसे इसके अगले ही दिन फार्म में चल रही पाकिस्तान की टीम से भिड़ना है.

दुबई में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है और ऐसे में भारत बड़े मुकाबले से पहले सही टीम कॉम्बिनेशन तैयार करना चाहेगा.

हॉन्गकॉन्ग को अपने पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. इस एकतरफा मैच में टीम 116 रन ही बना सकी थी. अगर कोई करिश्मा नहीं होता है तो रोहित, शिखर धवन, लोकेश राहुल, केदार जाधव जैसे बल्लेबाजों और जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल जैसे गेंदबाजों वाली भारतीय टीम के खिलाफ हॉन्गकॉन्ग के प्रदर्शन में काफी बड़े सुधार की उम्मीद नहीं की जा रही.

पिछले कुछ सालों से महेंद्र सिंह धोनी की बल्लेबाजी पर लगातार सवाल उठते रहे हैं और यह टूर्नामेंट तय करेगा कि वह लय में हैं या नहीं.

बैटिंग ऑर्डर तय करना होगी चुनौती

भारत के लिए पांचवें, छठे और सातवें नंबर पर कौन बल्लेबाजी करेगा यह तय नहीं हो पा रहा है. धोनी अगर सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं तो उन्हें डेथ ओवरों में मोहम्मद आमिर के अलावा उस्मान खान और हसन अली जैसे गेंदबाजों का सामना करना पड़ेगा.

पांचवें नंबर पर केदार जाधव या मनीष पांडे में से एक को मौका मिल सकता है और अगर पूर्व कप्तान धोनी छठे नंबर पर बल्लेबाजी का फैसला करते हैं तो सातवें नंबर पर हार्दिक पांड्या की बड़े शाट खेलने की क्षमता भारत के लिए अहम हो सकती है

मिडिल ऑर्डर पिछले कुछ समय से भारत के लिए चिंता का विषय रहा है और अगले साल होने वाले विश्व कप से पूर्व भारत को इस समस्या का हल निकालना होगा.

लोकेश राहुल के तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने की उम्मीद है लेकिन आमिर या हसन की अंदर आती गेंदें उनके लिए समस्या पैदा कर सकती हैं जैसा कि इंग्लैंड में हुआ था. बीसीसीआई पहले ही श्रीलंका के बाएं हाथ के थ्रोडाउन विशेषज्ञ को नियुक्त कर चुका है जिससे कि भारत को पाकिस्तान के बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों का सामना करने में दिक्कत नहीं हो. टीम में खलील अहमद भी मौजूद हैं जो बल्लेबाजों को जरूरी अभ्यास करा सकते हैं. धवन, राहुल और पांड्या जैसे बल्लेबाजों को विकेट की अलग तेजी और लेंथ से सामंजस्य बैठाना होगा.

बुमराह और भुवनेश्वर तथा कुलदीप और चहल का संयोजन एक बार फिर मैदान पर नजर आएगा जो पिछले एक साल से भारत को अच्छे नतीजे दे रहा है. हॉन्गकॉन्ग के खिलाफ मुकाबला भुवनेश्वर के लिए लय हासिल करने का मौका होगा क्योंकि वह पीठ की चोट के कारण लंबे समय तक बाहर रहे हैं. उन्होंने हाल में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ भारत ए की ओर से वापसी की थी.

(इनपुट भाषा)