view all

क्या महाराज के हरे-भरे बाग में चुंधियाने वाली हैं टीम इंडिया और शास्त्री की आंखें !

ईडन की हरी घास, तेजी और बाउंस को गांगुली का शास्त्री के लिए एक सवाल के रूप में देखा जा रहा है

Jasvinder Sidhu

कोलकाता टेस्ट मैच के पहले दिन ज्यादा खेल नहीं हुआ है. वैसे पिच पर हरी घास को देख कर लग रहा है कि इस पर ना केवल टीम इंडिया की परीक्षा होने वाली है, बल्कि क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के मुखिया और ‘महाराज’ सौरव गांगुली हेड कोच रवि शास्त्री को बतौर क्रिकेटर अपने और उनके बीच के अंतर का एहसास करवाने जा रहे हैं.

अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं. सौरव गांगुली ने सलाह दी थी कि महेंद्र सिंह धोनी को टी-20 खेलने को लेकर अपने रुख में बदलाव करना चाहिए. पूर्व स्टार बल्लेबाज वीवीएस लक्षमण पहले ही कह चुके थे कि धोनी को किसी युवा के लिए टी-20 टीम में जगह खाली कर देनी चाहिए.


पूर्व तेज गेंदबाज अजित अागरकर ने भी धोनी को लेकर सवाल किया. लेकिन हेड कोच रवि शास्त्री ने सभी स्वस्थ आलोचनाओं को ना केवल सिरे से खारिज किया, बल्कि सख्त लहजे में कहा कि आलोचना करने वालों को अपने करियर पर भी निगाह डालनी चाहिए.

जो लोग सौरव को करीब से जानते हैं, उन्हें पता है कि शरारती सौरव बिना बोले भी ऐसे बयानों पर अपनी प्रतिक्रिया देने का कोई मौका नहीं छोड़ेंगे. इस लिहाज से बारिश के मौसम में ईडन गार्डेंस की पिच की हरी घास, तेजी और बाउंस को गांगुली का शास्त्री के लिए एक सवाल के रूप में देखा जा रहा है.

शास्त्री जब से कोच बने हैं, सारे टेस्ट मैच जीते हैं. ऐसे में उनका गांगुली जैसे दिग्गज क्रिकेटर के खिलाफ उनके ही घर पर आलोचना करना जायज लगता है. गांगुली के पास भी सामने वाले के लिए चुनौती फेंकने का मौका है और उन्होंने यह चुनौती हरियाली भरी पिच से पेश की है.

शास्त्री के लिए कई सवाल छोड़ जाएंगे हार या ड्रॉ 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि इस समय विराट कोहली की टीम को हराना आसान नहीं है, लेकिन इस टीम का इतिहास रहा है कि पिच पर हरी घास से साथ पहली स्लिप के साथ तीन-चार स्लिप, गली और लेग स्लिप पर फील्डर को देखते ही उसका खेल बदल जाता है. उस पर अगर गेंद हवा में हिल  रही हो या स्विंग हो रही हो तो थोड़ा और मुश्किल हो जाता है. ऐसे में देखना रोचक होगा कि दूसरे दिन भारतीय टीम इस पिच पर कितना बड़ा स्कोर खड़ा करती है!

यकीनन टीम इस समय पूरी फॉर्म में हैं, लेकिन पिछले दो साल में यह पूरी तरह से बल्लेबाजों की मददगार पिचों पर खेल रही है. इसलिए कोलकाता में उसे बिल्कुल अलग खेल दिखाना होगा. मैच खत्म होने के बाद इस बात का भी अंदाजा हो जाएगा कि जिन मैदानों पर पिच तैयारी को लेकर कप्तान और हेड कोच की हां नहीं होती, वहां टीम का वास्तविक खेल क्या रहता है!

बतौर कप्तान खुद गांगुली नागपुर में हरी घास देख मैदान छोड़ गए थे

सौरव और शास्त्री के बीच तनातनी कोई नई नहीं हैं. इससे पहले शास्त्री के भारतीय टीम के कोच बनने के बीच गांगुली पर सबसे बड़ी रुकावट, जैसा कि शास्त्री को लगता है, बनने का आरोप लगा था. उस प्रकरण के बाद दोनों ने ही एक दूसरे के खिलाफ पब्लिक में काफी कड़ी बयानबाजी की.

तय है कि दोनों के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं और जिस तरह से शास्त्री ने धोनी को लेकर भारतीय टीम के लिए कई साल योगदान करने वाले क्रिकेटरों के आड़े हाथों लिया है, उसकी प्रतिक्रिया आनी बाकी है. संभव है कि यह मौखिक न हो, बल्कि टीम इंडिया के स्कोर बोर्ड पर पढ़ने को मिले.