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आउट होने से पहले कितने ‘रन’ बनाए अनुराग ठाकुर ने?

किसी टी 20 मैच की पारी जैसा रहा है उनका क्रिकेट सफर

IANS

शिमला. एक छोटी-सी कहानी. बीसीसीआई अध्यक्ष के रूप में. ठीक वैसे ही, जैसे एक छोटी सी पारी अनुराग ठाकुर ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेली थी. वहां उन्होंने सिर्फ एक मैच खेला. यहां सर्वोच्च न्यायालय द्वारा हटाए जाने तक अनुराग ठाकुर की पारी छोटी सी रही. देश के शीर्ष क्रिकेट बोर्ड में ये पारी किसी टी-20 मैच की ही तरह रही- छोटी, लेकिन तेज-तर्रार.

इससे पहले कि वह बड़ा स्कोर खड़ा कर पाते मैच खत्म हो चुका है. हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जोशीले सांसद अनुराग को रिटायर्ड हर्ट हो क्रीज छोड़नी पड़ रही है.


अनुराग का हालांकि इस पर कहना है कि उनकी सर्वोच्च न्यायालय से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं थी और क्रिकेट को लेकर उनकी प्रतिबद्धता वैसी ही रहेगी. सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) आर. एम. लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिशों को लागू न करने पर ठाकुर के साथ बोर्ड के सचिव अजय शिर्के को भी हटाया गया है.

ऐसा पहली बार नहीं है कि अनुराग ठाकुर किसी विवाद के चलते अखबारों की सुर्खियों में हैं. इससे पहले भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते भी वह सुर्खियों में छाए रहे. अनुराग मई, 2008 में हुए उप-चुनाव में पहली बार सांसद चुने गए और पिछले साल लगातार चौथी बार एचपीसीए के अध्यक्ष बने.

हिमाचल के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने आईएएनएस से कहा, ‘अपने पिता के उलट अनुराग की अपने संसदीय क्षेत्र हमीरपुर में बहुत पकड़ नहीं है. वास्तव में अपने बेटे को जिताने में धूमल ने दिन-रात मेहनत की, जिसकी बदौलत अनुराग को लोकसभा चुनाव-2014 में जीत मिली.‘

इससे उलट अनुराग ने क्रिकेट के प्रति अपने जुनून और समर्पण के जरिए राज्य में क्रिकेट के लिए शानदार बुनियादी ढांचा तैयार किया और अपनी पहचान बनाई. हिमाचल प्रदेश में खूबसूरत धर्मशाला अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम सहित पांच क्रिकेट स्टेडियमों के निर्माण और एक क्रिकेट अकादमी की स्थापना का श्रेय निश्चित तौर पर अनुराग ठाकुर को जाता है.

ठाकुर पर हालांकि धर्मशाला क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे. एचपीसीए को खिलाड़ियों के लिए एक आवासीय परिसर का निर्माण करने के लिए भूमि आवंटन करने में गड़बड़ी करने के आरोप भी झेलने पड़े.

सतर्कता आयोग ने अनुराग और उनके छोटे भाई अरुण धूमल पर राजस्व दस्तावेजों में हेरफेर कर धर्मशाला के निकट एक भूमि पर कब्जा करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया. अनुराग पर कुछ मामले अभी भी विभिन्न अदालतों में चल रहे हैं.

अनुराग का क्रिकेट के साथ जुड़ाव 14 वर्ष की अवस्था से ही रहा. अनुराग की कप्तानी में पंजाब अंडर-16 टीम ने ऑल इंडिया विजय मर्चेंट ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. अनुराग पंजाब अंडर-19 और नॉर्थ जोन अंडर-19 टीम के भी कप्तान रहे. उनकी कप्तानी में नॉर्थ जोन अंडर-19 टीम ने ऑल इंडिया चैम्पियनशिप भी जीती.

अनुराग 25 वर्ष की आयु में एचपीसीए के अध्यक्ष चुने गए और बीसीसीआई से संबद्ध किसी राज्य क्रिकेट संघ के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने.