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बीसीसीआई में वापसी की जुगत में लगे हैं अनुराग ठाकुर

2 जनवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर को बोर्ड के किसी भी पद के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था

FP Staff

2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के बाद के वक्त में बीसीसीआई पर चले सुप्रीम कोर्ट के हथौड़े ने बीसीसीआई में बहुत कुछ बदल दिया है. पिछले साल दो जनवरी को बोर्ड के उस वक्त के अध्यक्ष और बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर को उनके पद से हटाने के बाद अदालत ने विनोद राय की अगुआई में प्रशासको की समिति बनाकर उस बोर्ड में लोढ़ा कमेटी की सिफारिशो को लागू कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

सुप्रीम कोर्ट ने इस मसले पर अपना आदेश सुरक्षित भी कर लिया है और टिप्पणी की थी वह लोढ़ा कमेटी की कुछ सिफारिशों पर फिर से विचार कर सकता है. कोर्ट के इस रुख से अनुराग ठाकुर को भी उम्मीद की किरण नजर आ रही है और उन्होंने खुद को बीसीसीआई के अधिकारी के तौर पर ‘अयोग्य’ घोषित करने वाले आदेश को वापस लेने की अर्जी दाखिल की है.


अपनी अर्जी में अनुराग ठाकुर ने कहा है कि वह साल 2000 स बीसीसीआई के प्रशासन से जुड़े हैं और सुप्रीम कोर्ट के उन्हें अयोग्य करार देने के आदेश से उन्हें काफी मानसिक प्रताड़ना और बेइज्जती का सामना करना पड़ा है. इसी आधार पर उन्होंने अदालत से गुहार लगी है,

बहरहाल देखना होगा कि अदालत अनुराग ठाकुर की अर्जी पर क्या फैसला लेती है और अनुराग ठाकुर की बीसीसीआई में वापसी की राह खुल पाती है या नहीं.