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क्या पुणे की हार भूलना इतना आसान है कुंबले साहब...

कुंबले ने कहा- पुणे बीती बात, उसकी फिक्र करने की जरूरत नहीं

FP Staff

पुणे बीत चुका है. बेंगलुरू सामने है. उसे भूल जाइए, इस पर फोकस कीजिए. भारतीय क्रिकेट टीम के कोच अनिल कुंबले का सीधा-सादा मंत्र है. लेकिन क्या वाकई टीम इंडिया उसे इतनी जल्दी भूल जाएगी? या ऑस्ट्रेलिया को उस जीत ने जो मोमेंटम दिया, वो भुलाया जा सकता है?

कागज पर लिखने के लिए इससे बेहतर लाइन नहीं हो सकती कि जो बीत गई, सो बात गई. लेकिन जिंदगी कागज पर लिखी लाइनों की तरह नहीं होती. क्रिकेट मैच भी नहीं. अगर ऐसा होता, तो कागज पर बेहतर दिख रही टीम ही हमेशा जीतती.


अनिल कुंबले इस वक्त अपने घर में हैं. बेंगलुरू, जहां के चिन्नास्वामी स्टेडियम को वो अपने घर के किसी अहाते, बरामदे, कमरे की तरह जानते हैं. उन्होंने चिन्नास्वामी स्टेडियम में घर से ज्यादा नहीं, तो घर से कम वक्त भी नहीं बिताया होगा. यहां का जर्रा-जर्रा उन्हें परिचित लगता होगा. ऐसे में वापसी के लिए भारतीय कोच को इससे बेहतर जगह नहीं मिल सकती होगी.

भारतीय टीम 333 रन से हारकर यहां पहुंची है. चार टेस्ट की सीरीज 4-0 से जीतने के दावे के साथ शुरू हुई थी. अब, जब चौथा टेस्ट शनिवार से शुरू हो रहा है, टीम इंडिया 0-1 से पिछड़ी हुई है. पुणे की हार ने 19 अजेय मैचों का क्रम तोड़ा था.

कुंबले गुरुवार को मीडिया के सामने आए. ये रुटीन का हिस्सा है, जिसके तहत हर रोज टीम का कोई सदस्य मीडिया से मुखातिब होता है. कुंबले ने यही कहा कि पुणे में जो हुआ, वो बात खत्म हो गई. अब नया टेस्ट है, नई सोच है, नई चुनौती है.

कुंबले ने कहा, ‘पुणे में जो हुआ खत्म हो गया. वहां हम अच्छा नहीं खेले. माहौल के मुताबिक खुद को ढाल नहीं पाए. हर गेम में हमारे सामने जो चुनौतियां आती हैं, उसके मुताबिक ढलना होता है. ऑस्ट्रेलिया यकीनन अच्छा खेला.’

कुंबले ने कहा, ‘हमें पुणे की हार से फिक्र करने की जरूरत नहीं है. हम इसे मैच का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, ताकि जीत की राह पर लौट सकें. पुणे में पूरी टीम फेल हुई. हम किसी एक पर उंगली नहीं उठा सकते.’

शायद किसी पर उंगली न उठाने की बात कुंबले ने विराट कोहली की नाराजगी की वजह से कही. विराट ने बल्लेबाजी को दोषी ठहराया था. भारतीय टीम पहली पारी में 105 और दूसरी में 107 रन बना सकी थी.

कुंबले पिछले साल जून में चीफ कोच के तौर पर भारतीय टीम के साथ जुड़े थे. उन्होंने कहा कि टीम को एक यूनिट की तरह खेलने की जरूरत है. पुणे में जो कुछ गलत हुआ, उन बातों को सही किया जाना है. उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलिया बहुत अच्छी टीम है. हालांकि मुझे नहीं लगता कि हम अपनी पूरी क्षमता से खेल पाए. बल्लेबाजी और गेंदबाजी में पार्टनरशिप नहीं चली.’

पुणे टेस्ट से पहले टीम इंडिया विजय रथ पर सवार थी, तो दूसरी तरफ एशिया में बेहद कमजोर रिकॉर्ड के साथ ऑस्ट्रेलियन टीम उतरी थी.