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अजित वाडेकर की कप्तानी में इंग्लैंड की धरती पर भारत ने पहली बार जीती थी सीरीज

अजीत वाडेकर की कप्तानी में भारत ने पहली बार अंग्रेजों को उन्हीं में घर में हराकर टेस्ट सीरीज पर कब्जा किया था

FP Staff

भारत को क्रिकेट के मैदान पर उतरे कई साल हो चुके थे, लेकिन कोई भी कप्तान टीम इंडिया को इंग्लैंड में उसी के खिलाफ सीरीज नहीं जीत पाई थी, ऐसे में सिर्फ दो दौर के लिए कप्तान बने अजित वाडेकर ने इतिहास रचते हुए भारत को पहली बार इंग्लैंड में उसी के खिलाफ टेस्ट सीरीज में जीत दिलाई.  वाडेकर उस रोज‌ दुनिया छोड़ गए, जिस रोज 71 साल पहले देश आजाद हुआ था. वह कैंसर से जंग हार गए. वाडेकर 77 साल के  थे. इतने वर्षों में भले ही इस कप्तान को हम लोग भूल चुके हैं, लेकिन जब भी बात इंग्लैंड दौरे की आती है, तो अंग्रेजों की जमीं पर वह जीत जरूर याद आती है.1971 में पहली बार अंग्रेजों की उनकी धरती पर हराया था.

आज भी इंग्लैंड को उसी की जमीं पर हराना टीम इंडिया के काफी मुश्किल परीक्षा साबित होती है. ऐसे में 1 अप्रैल 1941 को मुंबई में जन्में अजित वाडेकर की अगुआई वाली टीम इंडिया ने तीन मैचों की सीरीज को 1- 0 से जीत इतिहास रचा था. सीरीज के शुरुआती दो मैच ड्रॉ रहे थे. पहले दौरे पर मिली सफलता के चलते 1974 के इंग्लैंड दौरे के लिए भी टीम की कमान वाडेकर को दी गई थी. हालांकि इस बार वह टीम को सफलता दिलाने में कामयाब नहीं हो पाए थे.


दोनों पारियों में वाडेकर ने खेली थी कप्तानी पारी

वाडेकर ने 1971 में ओवल में खेले गए सीरीज के तीसरे और आखिर मैच की दोनों पारियों में कप्तानी पारी खेली थी. इस मैच को भारत ने 4 विकेट से जीता था. इंग्लैंड ने पहली पारी में 355 और दूसरी में 101 रन बनाए. जवाब में भारत की पहली पारी 284 रन पर सिमट गई, लेकिन दूसरी पारी में छह विकेट पर 174 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया. वाडेकर ने पहली पारी में 48 रन और दूसरी पारी में 45 रन बनाए थे.

वाडेकर के नाम एक और बड़ी जीत

मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज जीतना टीम इंडिया के लिए बड़ी उपलब्धि थी और यह बड़ी जीत वाडेकर के नाम दर्ज हुई, लेकिन इस जीत के अलावा एक और बड़ी जीत इनके नाम दर्ज है और वह है 70 के दशक की सबसे मजबूत टीम वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच टेस्ट मैच की सीरीज में फलत हासिल करना. 1971 में खेली गई इस सीरीज में भारत ने 1-0 से जीत हासिल की थी. 4 मैच ड्रॉ रहे थे.

न्यूजीलैंड के खिलाफ जड़ा था अपना एकमात्र शतक

वाडेकर ने न्यूजीलैंड के खिलाफ उस समय बड़ी पारी खेली, जब कोई भी भारतीय बल्लेबाज कीवी टीम के अटैक का सामना नहीं कर पा रहा था. फरवरी 1968 में न्यूजीलैंड दौरे पर गई टीम इंडिया तीसरे टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के सामने बेबस नजर आ रही थी और कोई भी बल्लेबाज 50 रन से अधिक की पारी नहीं खेल पाया था, ऐसे में वाडेकर ने 12 चौके लगाकर 143 रन की पारी खेली और टीम को 8 विकेट से जीत दिलाने में अपना बड़ा योगदान दिया.

भारत के पहले वनडे कप्तान थे वाडेकर

वाडेकर ने अपने करियर में भले ही दो मैच खेले हो, लेकिन उन्होंने भारत के लिए ऐतिहासिक मैच में टीम की बागडोर संभाली और शानदार पारी भी खेली. 13 जुलाई 1974 को भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला वनडे मैच खेला था, भले ही इस मैच में भारत को हार का मुंह देखना पड़ा हो, लेकिन वाडेकर की 67 रन की पारी शायद ही कभी भूली जा सके.

लंबे इंतजार के बाद टीम इंडिया में मिली थी जगह

वाडेकर  ने 1966 में मुंबई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने टेस्ट करियर का पर्दापण किया, वहीं वनडे में डेब्यू जुलाई 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ किया, लेकिन यहां तक पहुंचने के लिए उन्हें करीब 8 सालों का इंतजार करना पड़ा. 1959 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू करने के बाद इनको 1967 में नीली जर्सी पहनने का मौका मिला. वाडेकर  ने भारत की तरफ से कुल 37 टेस्ट मैच और 2 वनडे मैच खेले गए हैं. वाडेकर  के नाम टेस्ट क्रिकेट में एक शतक और 14 अर्धशतक दर्ज है. वहीं वनडे में वाडेकर  ने एक अर्धशतकीय पारी खेली है.

(यह लेख अपडेट करके हम फिर पब्लिश कर रहे हैं)